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बीकानेर प्रदेश से सटे 1037 किलोमीटर लम्बे अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के हजारों जवान इन दिनों भीषण गर्मी के साथ लू से मुकाबला कर रहे हैं। तापमान 42 डिग्री पर है और तपती बालू रेत और गर्म हवाओं के थपेड़ों के बीच जवान गश्त कर सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। लू-ताप घात से बचाव के लिए जहाँ मुंह पर स्कार्फ (कपड़ा) बांधकर सीमा चौकी से गश्त के लिए रवाना होते हैं। वहीं साथ में नींबू और पानी की बोतल भी रखते हैं, ताकि गश्त के दौरान लू की चपेट में आने से बचा जा सके।

सीमा चौकी के अधिकारी ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ ही बॉर्डर पर तैनात जवानों की डाइट (भोजन) में कुछ खाद्य वस्तुओं को जोड़ा गया है। अभी दूध, नींबू, ग्लूकोज और सलाद की आपूर्ति बढ़ाई गई है। गश्त पर ड्यूटी पर गए जवानों के लिए तीन से चार बार ग्लूकोज, नींबू की शिकंजी और छाछ भेजी जाती है। दही और छाछ सामान्य दिनों की मुकाबले दूध की जरूरत पूरी करने के लिए अधिक खरीदा जा रहा है।

पश्चिम सीमा पर तैनात जवान गर्मी के दिनों में हर साल लू-ताप घात की चपेट में आते हैं। ऐसे में उन्हें बटालियन मुख्यालय और कुछ चुनिंदा •सीमा चौकियों पर बने कोल्ड रूम में रखा जाता था। इस बार बॉर्डर के करीब 200 सीमा चौकियों पर कोल्ड रूम तैयार कर दिए गए हैं। एसी लगे इन कमरों का उपयोग लू की चपेट में आने पर जवान को प्राथमिक उपचार देने के लिए किया जाता है।

सीमा चौकियों में जवानों को दिए जाने वाले भोजन में प्याज और खीरा आदि सलाद की मात्रा बढ़ाई गई है। इससे जवानों का गर्मी से बचाव होता है। धूलभरी आंधियां चलने पर ज्यादा दूर तक कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता। ऐसे में विशेष प्रकार के चश्मों का उपयोग जवान करते हैं।

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