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बीकानेर। महावीर जन्म जयंती पर चार दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसके तहत अनेक प्रतियोगिताएं रखी गई है। जैन महासभा की ओर से आयोज्य प्रतियोगिताओं के तहत 15 अप्रैल को भगवान महावीर भजन प्रतियोगिता रखी गई । जो भी भाई बहिन कंठस्थ करके भगवान महावीर के जीवन पर भजन गाएगा उसे सम्मानित किया जाएगा। 16 अप्रैल शनिवार को भाग्यशाली दिवस के रूप में मनाया जाएगा । परमात्मा का स्मरण हमें भाग्यशाली कैसे बनाता है वह व्यवस्था दी जाएगी। भगवान महावीर की जय लेखन प्रतियोगिता करना संभावित है। 17 अप्रैल रविवार को महावीर प्रश्न मंच का आयोजन होगा। इनमें प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमश:दस हजार,पांच हजार व दो हजार का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। लगातार पांच प्रश्न से अधिक जवाब देने वाले को भी पुरस्कृत किया जाएगा और उस दिन 5-5 सामायिक एक साथ करने वाले भाई -बहिन को भी सम्मानित किया जाएगा। श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ बीकानेर के अध्यक्ष श्री डॉक्टर नरेश गोयल आदि से पूछा गया उन सबकी समर्थन प्राप्त होने पर महावीर जयंती का मुख्य प्रवचन भगवान महावीर की उपयोगिता आज के युग में जैन महासभा के द्वारा आयोजित गोडी पार्श्वनाथ मंदिर परिसर के लिए स्वीकृति प्रदान की।
परमात्मा की तस्वीर लगाओ मन के कक्ष में
अरिहंतमार्गी आचार्य प्रवर ज्ञान चंद्र महाराज ने रांगड़ी चौक पौषधशाला में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि- अगर ऊपर वाले के साथ आपके संबंध मजबूत है तो, धरती वाले कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
परमात्मा की तस्वीर लगाओ मन के कक्ष में, फिर सारे फैसले होंगे आपके पक्ष में। उन्होंने कहा कि 6 पुरुष और 1 स्त्री को मारने वाला अर्जुन माली, जिसमें यक्ष प्रविष्ट था,वो भी सुदर्शन सेठ का कुछ नहीं बिगाड़ पाया क्योंकि उनका कनेक्शन ऊपर वाले से था, इसलिए उनको कोई भय नहीं था । क्योंकि उन्होंने परमात्मा की तस्वीर मन के कक्ष में लगाई थी। सुदर्शन सेठ ने अर्जुन माली का सामना निहत्थे किया।सामने मुद्गर लेकर अर्जुन माली आ रहा है, और वो जमीन को पुंज कर आसन लगाकर सागारी संथारा लेकर बैठ गए और णमोत्थुणं मंत्र जाप किया। उन तरंगों के प्रभाव से अर्जुन माली के शरीर को छोड़ यक्ष को जाना पड़ा । जो तरंगे सुदर्शन सेठ को बचा सकती है, क्या वो हमें नहीं बचा सकती? बचा सकती है। बशर्ते परमात्मा की तस्वीर हमारे मन के कक्ष में हो ।

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