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बीकानेर,मेट्रो सिटी और औद्योगिक पार्क की तर्ज पर बीकानेर में पाइप लाइन से घरों और उद्योगों को ईंधन जगैस पीएनजी (पाइप नेचुरल गैस) से मिलेगी। इसके लिए केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम और रिवन्युएबल एनर्जी मंत्रालय की ओर से एक कम्पनी को बीकानेर सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन का ह प्रोजेक्ट लगाने की जिम्मेदारी सौंपी में गई है। कम्पनी के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को बीकानेर आकर इस है। प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया। यहां का पर नैचुरल गैस लिक्विड रूप में या आएगी, जिसे प्लांट में पीएनजी के रूप में परिवर्तित कर पाइप लाइन से घरों और उद्योगों को आपूर्ति की जाएगी।

प्रदेश में फिलहाल पाइप लाइन से गैस आपूर्ति के प्रोजेक्ट पर जयपुर और कोटा में काम चल रहा है। अजमेर, चूरू और बीकानेर में अब काम शुरू होगा। कम्पनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि मार्च 2023 तक पाइप लाइन से गैस आपूर्ति शुरू हो जाएगी। पूरे शहर में गैस पाइप लाइन बिछाने और आपूर्ति करने का शतप्रतिशत काम होने में ता अधिकतम दस साल का समय ह लगेगा। कम्पनी प्रतिनिधियों ने स गुरुवार को जिला उद्योग केन्द्र की स महाप्रबंधक मंजू नैन गोदारा और प्रमुख उद्योगपतियों के साथ बैठक की। इसमें गैस पाइप लाइन से जुड़ने वाले उद्योगों का डाटा और प्लांट लगाने के लिए उपयुक्त जगह का चयन करने पर चर्चा की गई चर्चा में जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डीपी पच्चीसिया भाजपा नेता मोहन सुराणा आदि शामिल हुए।

सिरेमिक इंडस्ट्रीज के लिए कच्चा माल बीकानेर क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। व्हाइट क्ले आदि का खनन होता है। परन्तु उससे बनने वाले उत्पादों के उद्योग बीकानेर में नहीं लगे हैं। ऐसे में कच्चा माल मोरवी गुजरात व अन्य जगह जाता है। वहां से टाइल व अन्य सामान बनकर देशभर में जाता है। उद्योग नहीं लगने का सबसे बड़ा कारण ईंधन गैस की पाइप लाइन से बीकानेर का नहीं जुड़ा होना रहा है। अब पाइप लाइन से गैस आपूर्ति शुरू होने पर गजनेर के पास उद्योगिक क्षेत्र सिरेमिक हब के रूप में विकसित हो जाएगा।

यह है प्रोजेक्ट: बीकानेर को गैस पाइप लाइन से रसोई गैस और उद्योगों को ईंधन गैस उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के पेट्रोलियम नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड ने हिन्दुस्तान नेचुरल गैस कम्पनी के साथ 25 साल का अनुबंध किया है। कम्पनी को लिक्विड फाइल पेट्रोलियम गैस को यहां प्लांट लगाकर भंडारित कर उसे नेचुरल गैस में बदलना होगा। फिर उद्योगों और घरों को पाइप लाइन से गैस की आपूर्ति करनी होगी। वाहनों के लिए सीएनजी गैस के पम्प लगाए जाएंगे। जिन्हें पाइप के माध्यम से मुख्य प्लांट से जोड़ा जाएगा।

कहां लगेगा प्लांटः कम्पनी के प्रतिनिधि दिनेश इंजीनियर, धनूल कारगल, डॉ. बीएस नेगी ने लिक्विड फाइल पेट्रोलियम को नेचुरल गैस में बदलने का प्लांट लगाने के लिए जगह देखी। करीब चार हजार मीटर जगह की आवश्यकता है। इसके लिए खारा और बीछवाल इंडिस्ट्रयल एरिया के मध्य और गजनेर उद्योगिक क्षेत्र में जगह देखी गई है।

यह मिलेगी सुविधा अभी बीकानेर में लोगों को रसोई गैस एलपीजी सिलेण्डर के माध्यम से मिलती है। बॉयलर वाले उद्योग ईंधन के रूप में लकड़ी, डीजल और व्यवसायिक गैस सिलेण्डर का उपयोग करते हैं। लोगों को खाली सिलेण्डर भरवाकर लाना पड़ता है। उद्योगों को ईंधन की परेशानी होती है। पाइप लाइन से गैस घरों और उद्योगों तक पहुंचेगी। •बॉल ऑन करते ही गैस मिलनी शुरू हो जाएगी।

जेब पर क्या असरः घरों और उद्योगों को अपने भवन में गैस पाइप लाइन खुद के खर्च पर लगवानी पड़ेगी। कम्पनी की ओर से मुख्य पाइप लाइन से कॉलोनी और उद्योगिक क्षेत्र में गैस की आपूर्ति दी जाएगी। कम्पनी का दावा है कि घरेलू सिलेण्डर की गैस जहां करीब 70 रुपए किलो मिलती है। वही पाइप लाइन से पीएनजी करीब चालीस रुपए प्रति किलो के भाव पर मिलेगी। यानी एक सिलेण्डर गैस पर करीब 400 रुपए कम लगेंगे।

सुरक्षित और सरलः पाइप लाइन से मिलने वाली पीएनजी हल्की होती है। ऐसे में वह ज्यादा सुरक्षित होगी। इसका उपयोग करना सरल होगा। पूरी तरह से नेचुरल होने के चलते पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा। पेट्रोल वाहनों में तेल की जगह सीएनजी के उपयोग से खर्च कम होगा और प्रदूषण नहीं होगा।

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