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जयपुर। राजस्थान के निवासियों के लिए हेल्थ को लेकर बड़ी खबर है। सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी हॉस्पिटल में 1 अप्रैल से तमाम इलाज और जांचे फ्री करने का आदेश जारी किया है। इस आदेशों के तहत ओपीडी के रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाले 10 रुपए से लेकर 8 हजार रुपए तक शुल्क वाले एमआरआई, सीटी स्कैन, डायलासिस जैसी महंगी जांचों के लिए मरीजों को एक भी रुपए नहीं देना पड़ेगा।प्रमुख शासन सचिव हेल्थ एज्युकेशन और शासन सचिव हेल्थ डिपार्टमेंट के संयुक्त आदेशों को देखें तो इसका फायदा राजस्थान के ही निवासियों को मिलेगा। राज्य के बाहर यानी दूसरे राज्यों से इलाज के लिए आने वाले मरीजों से जो शुल्क निर्धारित है वह लिया जाएगा। आपको बता दें कि सरकार ने अभी तक मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना के तहत मरीजों को इलाज की सुविधा सरकारी हॉस्पिटल में दी जा रही है। इसके अलावा कई जांचे और दवाईयां ऐसी हैं जिनका कुछ शुल्क मरीजों को देना पड़ता है। इसमें सिटी स्कैन, एमआरआई, डायलिसिस समेत खून, हार्ट की कई जांचें शामिल है। लेकिन 1 अप्रैल के बाद इसका शुल्क नहीं देना पड़ेगा।इसके अलावा गेस्ट्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ऑप्टोमोलॉजी, हार्ट, कैंसर से जुड़ी कई बीमारियों के लिए 100 से लेकर 8 हजार रुपए तक का शुल्क देना पड़ता है। वहीं, इलाज के लिए भर्ती मरीज से आईसीयू बेड चार्ज, एडमिशन फीस समेत अन्य कई शुल्क लिए जाते हैं। नए फाइनेंशियल ईयर यानी 1 अप्रैल से ये सभी टेस्ट फ्री होंगे।

1 मई से फुल-फ्लेश मिलेगी सुविधा
वर्तमान में ये सुविधाएं भले ही एक अप्रैल से शुरू करने का निर्णय किया गया हो, लेकिन इन सुविधाओं का पूरा फायदा एक मई से मिलने लगेगा। अप्रैल के महीने में व्यवस्थाओं को बदलने और सुविधाएं जुटाने के लिए समय लगेगा।

पार्किंग, कॉटेज, केन्टीन का देना होगा पैसा
सबकुछ फ्री में पार्किंग, कॉटेज और केन्टीन को अलग रखा है। राजस्थान मेडिकल रीलीफ सोसायटी और मेडिकल कॉलेजों की सोसायटियों ने जो इनके शुल्क निर्धारित कर रखे है, वह मरीजों से लिए जाएंगे।गौरतलब है कि सरकार ने इससे पहले 60 साल या उससे ज्यादा एज ग्रुप (सीनियर सिटीजन) के मरीजों के लिए सरकारी हॉस्पिटल में तमाम सुविधाएं फ्री कर रखी थी। लेकिन बजट में की गई घोषणाओं के बाद अब 1 अप्रैल से हर एज ग्रुप के लिए ये लागू होने जा रहा है।

पिछले कार्यकाल में शुरू की थी फ्री दवाइयां और जांच

गहलोत ने अपने दूसरे कार्यकाल में साल 2011 में सबसे पहले मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना से इसकी शुरुआत की थी। तब सरकार ने कई तरह की दवाइयां ओपीडी और आईपीडी मरीजों को फ्री देना शुरू किया था। इसके दो साल बाद साल 2013 में सरकार ने फ्री जांच की सुविधा शुरू की। तब जिला हॉस्पिटल में 70 तरह की जांच फ्री करने की शुरुआत की थी। वहीं, पीएचसी-सीएचसी में 37 तरह की जांच फ्री की जाती थी। अब इन जांच की संख्या बढ़कर वर्तमान में 150 से ज्यादा हो गई है।

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