बीकानेर,सुरभि साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान, बीकानेर द्वारा श्री गोविन्द जोशी की पुस्तक ’सहेजने का सुख’ पर पंचकोणीय पाठकीय चर्चा का आयोजन श्री नागरी भण्डार के नरेन्द्रसिंह आॅडिटोरियम में किया गया।
आयोजन के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार भवानीशंकर व्यास ’विनोद’ ने कहा कि मैं गोविन्द जोशी स्वयं को एक पुस्तक ही मानता हूं इसलिए मैं तो इसी पर बोलूंगा। श्री व्यास ने अपने विचार रखते हुए यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों से आज की पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। श्री व्यास ने बताया कि श्री जोशी एक कर्मठ कार्यकर्ता होने के साथ-साथ लेखन, साहित्य, साक्षरता आदि क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुके है। इनकी पुस्तक सहेजने का सुख के लिए मैं इन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ लेखिका श्रीमती आनंद कौर व्यास ने कहा कि गोविन्द जोशी की ये पुस्तक पाठकों का मन मोह रही है। इस पुस्तक के माध्यम से श्री जोशी ने आम लोगों के मन में एक नई जगह बनाई है।
इस आयोजन की खास बात यह रही कि एक ही परिवार की तीन पीढ़ी के पाठकीय विचार प्रस्तुत किए गए। जिसमें पूर्व सरपंच, शिक्षाविद् एवं गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति के मानद सदस्य श्रीगोपाल उपाध्याय, जन शिक्षण संस्थान बीकानेर के महेश उपाध्याय एवं सुश्री प्रतिभा उपाध्याय ने पुस्तक पर पाठकीय विचार सांझा किए। इस आयोजन के में वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती प्रमिला गंगल ने पुस्तक के राष्टभक्ति पक्ष, व्यग्यकार एवं लेखक डाॅ अजय जोशी ने रेखा चित्र कहानी-कविता पक्ष पर, राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान, बीकानेर के डाॅ मूलचंद बोहरा ने लोक संस्कृति पक्ष और डाॅ विष्णुदत जोशी ने शैक्षिक पक्ष पर अपने विचार रखे।
सुरभि संस्थान के सचिव श्री दिनेश उपाध्याय ने कार्यक्रम के आरंभ में आगन्तुकों का स्वागत एवं कार्यक्रम की अवधारणा पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि श्री व्यास को साफा पहनाकर, अभिनंदन पत्र और शॅाल भेंट कर सम्मान किया एवं कार्यक्रम के सभी वक्ताओं को संस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
संस्था द्वारा कोरोना काल में की गई साहित्यिक गतिविधियों एवं प्रतियोगिताओं के प्रमाण-पत्र आगन्तुक मेहमानों के कर कमलों द्वारा भेंट किए गए।
इस ऐतिहासिक एवं साहित्यिक कार्यक्रम में संस्था के संरक्षक लीलाधर श्रीमाली ने आगन्तुकों को धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में साहित्य जगत के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संयोजन श्री संजय आचार्य वरूण ने किया।