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बीकानेर। अपनों से दूरी का दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। यह दर्द वहीं व्यक्ति महसूस कर सकता है जो अपनों से दूर हो। अपनों से मुलाकात की बात ही मन मेंं प्रसन्नता उत्पन्न करती है। कुछ ऐसी ही प्रसन्नता प्रदेश की जेलों में बंद बंदियों के मन में है। प्रदेश की जेलों में बंद बंदियों के लिए बड़ी खुश खबर आ रही है। जेल प्रशासन एवं सरकार अब फिर से बंदियों से परिजनों की फेस-टू-फेस मुलाकात शुरू कराने जा रही है। मुलाकात को लेकर सरकार व जेल प्रशासन ने मसौदा तैयार कर लिया है, जिसे अमलीजामा पहनाया जाएगा।

प्रदेश सहित बीकानेर केन्द्रीय कारागार में कोविड के कारण बंदियों की परिजनों से फेस-टू-फेस मुलाकात बंद है। वर्तमान में बंदियों की वीडियो कॉल से मुलाकात कराई जा रही है। बंदियों की परिजनों से मुलाकात नहीं होने से वे तनावग्रस्त हो रहे हैं। बंदियों के तनाव को कम करने के लिए अब सरकार व जेल प्रशासन कोरोना कम होने पर फिर से फेस-टू-फेस मुलाकात कराने की तैयारियोंं में जुट गया है।

जेल सूत्रों की मानें तो जेल में बंदियों से मुलाकात का समय ३० से ४५ मिनट का है। अब कोविड के चलते इसे घटाया जा सकता है। अब मुलाकात का समय २५ से ३० मिनट किया जा सकता है। इस बारे में जेल के प्रशासनिक एवं सुरक्षा अधिकारी विचार-विमर्श कर रहे हैं।

कोरोना काल में प्रदेश की जिन जेलों में वीडिया कॉलिंग की सुविधा थी वहां जरूरत होने पर बंदियों को परिजनों से मुलाकात कराई जाती थी। इसके लिए जेल में स्थापित एसटीडी से बंदियों को परिजनों स बात कराई जाती थी। इसके लिए हर बंदी को बात कराने का समय निर्धारित है। साथ ही एक बंदी पांच मिनट वीडियो कॉलिंग द्वारा परिजनों स मुलाकात कर सकता है। एसटीडी से भी हर दिन पांच मिनट बात कर सकता है।

पहले ११ और अब छह महीने बाद मुलाकात होगी
पिछले साल कोरोना के कारण बीकानेर में मार्च से दिसंबर तक बंदियों की परिजनों से फेस-टू-फेस मुलाकात बंद थी। इस साल जनवरी से अब तक बंद है। दिसंबर, २० से जनवरी, २१ के दरम्यिान महज २० से २२ दिलों के लिए मुलाकात की व्यवस्था शुरू की गई थी जो वापस कोरोना मरीज बढऩे के कारण बंद कर दी गई। बंदियों से मिलन के लिए सैकड़ों परिजन आस लगाए बैठे हैं।

एक नजर में बीकानेर जेल .
बीकानेर केन्द्रीय कारागार १५६८
विचारधीन बंदी ११२९
कुल सजायाफ्ता ४५६
कठोर सजा वाले ४२७
साधारण सजा वाले २९
पाकिस्तानी बंदी २
महिला बंदी ६६

यहां-यहां के बंदी
बीकानेर केन्द्रीय कारागार जेल की क्षमता १६०० बंदियों की है। वर्तमान में १५६८ बंदी जेल में हैं। यहां नागौर, पोकरण, फलौदी, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, उत्तरप्रदेश, चूरू, सीकर, जोधपुर, अलवर, बिहार आदि जगहों के बंदी बंद हैं। बीकानेर जेल में सजायाफ्ता बंदियों की बजाय विचाराधीन बंदियों की संख्या दोगुनी हैं।

विक्रमसिंह करणावत, आईजी जेल जयपुर का कहना है कि कोरोना के बाद से जेलों में बंद बंदियों की परिजनों से फेस-टू-फेस मुलाकात बंद कर रखी है। मानवीय दृष्टिकोण से मुलाकात होनी चाहिए। मुलाकात के मुद्दे को लेकर दूसरे राज्यों से भी फीडबैक लिया जा रहा है। साथ ही मुलाकात को लेकर उच्चाधिकारी विचार-विमर्श कर रहे हैं। सब-कुछ ठीक रहा तो शीघ्र मुलाकात व्यवस्था को फिर से शुरू करेंगे।

वही परमजीत सिंह सिद्धु, अधीक्षक बीकानेर केन्द्रीय कारागार का कहना है कि बीकानर जेल में डेढ़ साल से बंदियों की परिजनों से फेस-टू-फेस मुलाकात बंद है। हालांकि डेढ़ साल की अवधि में करीब २२ दिन के लिए मुलाकात व्यवस्था शुरू हुई थी लेकिन बाद फिर बंद कर दी गई। वर्तमान में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुलाकात कराई जा रही है। अब तक वीसी से छह हजार ३०१ बंदियों की मुलाकात कराई जा चुकी हैं। फेस-टू-फेस बंदी-परिजन मुलाकात व्यवस्था फिर से शुरू करने पर मुख्यालय में मंथन चल रहा है।

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