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बीकानेर केन्द्रीय कारागार में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। जेल में हर आने-जाने वाले की जांच मैटल डिटेक्टर, हैंडल डिटेक्टर, एमएमडी मषीन, पुलिस, आरएसी जवान और जेल प्रहरी करते हैं। इसके बावजूद आए दिन जेल में मोबाइल, सिम व अन्य आपत्तिजनक सामग्री मिलने के मामले सामने आते रहते हैं। इनसे निबटने के लिए जेल मुख्यालय की ओर से बीकानेर केन्द्रीय कारागार में लाखों की लागत से स्केनर बैगेज मशीन लगाई गई है।

जेल अधीक्षक आर अनंतेश्वरन ने बताया कि जेल मुख्यालय से हाल ही में स्केनर बैगेज मशीन मिली है, जिसका पिछले सप्ताह इंस्टॉलेशन कराया गया है। मशीन के माध्यम से जेल में आने वाले हर व्यक्ति के बैग व अन्य सामान की बारीकी से जांच-पडताल की जा रही है।

जेल अधीक्षक ने बताया कि यह स्केनर मशीन नवीन टेक्नोलॉजी की है। हर धातु को उसके घनत्व के हिसाब से डिटेक्ट करती है। खास बात यह है कि मशीन में प्लास्टिक, लोहे, पीतल, तांबे सहित अन्य किसी तरह के धातु की चीज होगी तो उसको अलग-अलग तरह के कलर से प्रदर्षित करती है।

जेल में अब तक त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था थी। नई स्केनर बैगेज मशीन स्थापित होने से अब चतुर्थ स्तरीय जांच व्यवस्था बहाल हो गई है। मशीन को ऑपरेट करने के लिए छह जवानों की राउंड द क्लॉक ड्यूटी लगाई है। मशीन में जांच होने वाले सामान की हर दिन की रिकॉर्डिंग संधारित रहती है। प्रतिदिन जांच होने वाले सामान की संख्या, समय, बैग में किस-किस तरह का सामान है आदि की डिटेल रहती है।

जेल सूत्रों की मानें तो स्केनर बैगेज मषीन लगने से बडी राहत मिली है। पहले काफी सावधानी बरतने के बावजूद जेल में कोई न कोई सामग्री बंदियों तक पहुंच जाती थी लेकिन अब मशीन आने से राहत मिली है। मशीन में बैग स्केन होने पर हर छोटी मोटी चीज का सेपष्ट पता चल जाता है। इससे फायदा यह है कि जेल में कोई भी बैग व अन्य सामान में कुछ भी छिपाकर लाने से कतराएगा।

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