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बीकानेर,भ्रष्टाचार का गढ़ बनी बीकानेर नगर निगम में शहर के आवारा कुत्तों की नसबंदी के मामले में घपलेबाजी का बड़ा खेल सामने आया है। खबर है कि निगम प्रशासन ने कुत्तों की नसबंदी के लिये ऐसी फर्म को ठेका दे रखा जो रजिस्टर्ड तक नहीं है। फर्म की ओर से महज कागजों में आवारा कुत्तों की नसबंदी का आंकड़ा पेश कर लाखों का बिल भुगतान करवा लिया । पहले यह ठेका उषा एंटरप्राइजेज नामक फर्म को दिया गया था,मगर घपलेबाजी की सुगबुगाहट सुनाई देने के बाद फर्म ने अपना नाम बदलकर संतुलन जीव कल्याण रख लिया। फर्म की ओर से शहर में कितने आवारा कुत्तो की नसबंदी की गई है,इसकी पड़ताल करने पर चौंकाने वाले कागजी आंकड़े सामने आये है। नगर निगम में संतुलन जीव कल्याण नामक फर्म की ओर से किये गये अनुबंध के मुताबिक संस्था को हर कुत्ते की नसबंदी करने और उसे टीके लगाने के लिए 990 रुपए का भुगतान किया जा रहा है। करीब एक करोड़ की राशि का यह अनुबंध 10 अक्टूबर 2021से एक साल की अवधि के लिये किया गया है। फर्म की ओर से वल्लभ गार्डन क्षेत्र में स्थित नगर निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में अब कुत्तों की नसबंदी और रेबीज विरोधी टीकाकरण किया जा रहा है। इसकी निगरानी के लिये प्रभारी अधिकारी का जिम्मा प्रतीक झा को सौंपा गया है। अनुबंध के तहत जो शर्ते रखी गई है उनके मुताबिक फर्म की ओर से शहर के जिस स्थान से कुत्ते पकड़े जाएंगे, नसबंदी व टीकाकरण के बाद पुन:उसी स्थान पर छोड़े जाएंगे। नसबंदी के लिए कुत्तों को पकडऩा, नसबंदी करना, उनकी देखभाल, भोजन -पानी और दवाइयों की व्यवस्था और पुन: छोडऩे का काम संबंधित फर्म की ओर से किया जाएगा। लेकिन हैरानी की बात यह सामने आई है कि फर्म की ओर से आवारा कुत्तों की नसबंदी का सारा खेल महज कागजों में ही चल रहा है। भ्रष्टाचार के इस खेल में फर्म के साथ नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों और कार्मिकों की भूमिका भी सामने आई है। इस खेल में फर्म अभी तक करीब चौदह लाख रूपये का भुगतान भी उठा चुकी है।

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