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जयपुर, चिकित्सा विभाग की ओर से चिकित्सा कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति रद्द करने के बाद रिलीव किए जाने की गुरुवार को तिथि है। विभाग के आदेशों के अनुसार अंतिम तिथि तक रिलीव नहीं होने पर कर्मचारियों का मार्च माह का वेतन रोका जाएगा। विभाग की इस प्रक्रिया से प्रदेशभर के चिकित्सा कार्मिकों के साथ ही बड़े और छोटे सरकारी अस्पतालों में खलबली मची हुई है। जानकारी के मुताबिक जयपुर के कैंसर संस्थान, एसएमएस के कैंसर विभाग सहित एसएमएस और प्रदेशभर के अन्य बड़े और छोटे अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में चिकित्सा अधिकारी डेपुटेशन पर लगे हैं।

यह भी सामने आया है कि सरकारी मेडिकल ज्यूरिस्ट को निजी अस्पताल की व्यवस्था बनाए रखने के लिए अभी भी नियुक्त किया जा रहा है। इस तरह का एक आदेश -जयपुर द्वितीय सीएमएचओ की ओर से भी जारी किया गया है।

कहीं भी मरीजों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो तत्काल अस्थाई भर्ती की जाएगी। परसादीलाल मीणा, चिकित्सा मंत्री,

चिकित्सकों को मूल स्थान पर भेजें: हाईकोर्ट

जोधपुर, हाईकोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्त चिकित्सकों के प्रतिनियुक्ति पर शहरों में जमे होने को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि शहरों में प्रतिनियुक्ति पर बैठे चिकित्सकों को तत्काल नियमित पद पर कार्यभार करने के लिए मुक्त किया जाए।

न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता संयम लोढ़ा व अन्य की जनहित याचिका पर कहा कि राज्य स्तरीय समाचार पत्रों में प्रमुखता से खबरें छपी हैं कि ग्रामीण अस्पतालों में चिकित्सकों व संबद्ध चिकित्सा कर्मचारियों की भारी कमी है।कोर्ट ने कहा कि इन तथ्यों पर हम संज्ञान लेने को विवंश हैं। खंडपीठ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा को ग्रामीण अस्पतालों में नियुक्त ऐसे चिकित्सकों का वास्तविक ब्योरा देने को कहा है, जिन्होंने शहरों में प्रतिनियुक्ति पोस्टिंग प्राप्त की है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 13 अप्रेल मुकर्रर करते हुए संपूर्ण ब्यौरा देने को कहा है।

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