बीकानेर,कथारंग साहित्य वार्षिकी की घोषणा होने के साथ ही देशभर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। सभी इस पहल की सराहना कर रहे हैं। खासतौर से साहित्य वार्षिकी में जिन लेखकों की रचनाएं, विचार व साक्षात्कार प्रकाशित किये जा रहे हैं, उसे लेकर लोगों में काफी जिज्ञासा है। सोशल मीडिया पर लोग यह जानकारी चाह रहे हैं कि यह किताब कैसे मिलेगी। गायत्री प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह कृति ‘जन तक सृजन अभियानÓ का एक कदम है, 480 पेज की इस कृति का मूल्य 350 रुपये रखा गया है। इस पहले साहित्य वार्षिकी राजधानी से ही प्रकाशित होती रही है। यह पहली बार है कि किसी छोटे शहर से इतना बड़ा कार्य हुआ है। इससे पहले भी पिछले साल गायत्री प्रकाशन ने कारोना काल के सृजन पर साहित्य वार्षिकी का प्रकाशन किया था। इस बार की साहित्य वार्षिकी बीकानेर की पांच विभूतियों को समर्पित की गई है। संत संवित सोमगिरिजी, अध्यात्मानुरागी अंबालाल आचार्य, साहित्यकार डॉ.श्रीलाल मोहता, लोक-संस्कृति विवेचक डॉ.कृष्णचंद्र शर्मा व शिक्षक नेता-साहित्यानुरागी चंद्रेश गहलोत को यह अंक समर्पित है।
कथारंग के संपादक हरीश बी. शर्मा ने बताया कि इस कृति का लोकार्पण गुरुवार, 24 मार्च को शाम साढ़े पांच बजे अंत्योदय नगर स्थित रमेश इंग्लिश स्कूल में होगा। इस समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार व साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादीÓ करेंगे। मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक आईएएस डॉ.महेंद्र खडग़ावत होंगे। विशिष्ट अतिथि कवि-उपन्यासकार अनिरुद्ध उमट व वास्तुविद-विचारक आर.के.सुतार होंगे। लोकार्पित कृति पर पत्रवाचन कवयित्री-उपन्यासकार मनीषा आर्य सोनी व संचालन कवयित्री-कथाकार ऋतु शर्मा करेंगी।
कथारंग के संपादक हरीश बी. शर्मा ने बताया कि गायत्री प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कथारंग साहित्य वार्षिकी में देशभर के साहित्यकारों की रचनाएं हैं। 180 रचनाकारों के उत्कृष्ट सृजन की इस 480 पेज की कृति में 17 राज्यों के 59 नगर के रचनाकार शामिल हैं। दो रचनाकार विदेश से भी हैं। इस अंक में 17 साक्षात्कार, 12 आलेख, 37 किताबों की समीक्षा, 47 कविताएं, 39 कहानियां, नौ अनुवाद, 11 संवाद, नौ लघुकथाएं, आठ व्यंग्य, तीन उपन्यास अंश, तीन यात्रा वृत्तांत तथा एक नाटक शामिल है।