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बीकानेर,सूरतगढ़ के पास लावारिस हालत में घायलावस्था में मिले बालक के परिजन सोमवार सुबह पीबीएम अस्पताल पहुंचे। बच्चे की हालत देखकर दादी की रुलाई फुट पड़ी। एकबारगी आईसीयू में माहौल भावुक हो गया। वहां मौजूद स्टाफ की भी आंखें नम हो गई।

सूरतगढ़ थाने के उप निरीक्षक श्रीप्रकाश ने बताया कि बच्चा हनुमानगढ़ जंक्शन का रहने वाला है। करीब तीन महिने पहले उसकी मां घर छोड़ कर चली गई थी, वह आठ वर्षीय मनज्योत सिंह को साथ ले गई थी। 17 मार्च को बच्चा सूरतगढ़ में हनुमानगढ़-श्रीगंगानगं बाइपास पर घायल मिला था। पुलिस उसे पहले श्रीगंगानगर अस्पताल से गई जहां से उसे बीकानेर के पीबीएम अस्पताल रेफर कर दिया। बच्चा कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। जीभ कटी हुई है। जबड़ा टूटा हुआ है। शरीर पर जगह-जगह चोटों के निशान है। ऐसे में बच्चे की पहचान नहीं हो पा रही थी। पिछले चार दिन से पुलिस बच्चे के परिजनों का पता लगाने का प्रयास कर रही थी।

उप निरीक्षक श्रीप्रकाश ने बताया कि बच्चे के परिजनों का पता नहीं चलने पर उसकी फोटो सोशल मीडिया पर डाली। करीब चार दिन के प्रयास के बाद सोमवार को परिजन सीधे बीकानेर के पीबीएम अस्पताल पहुंचे।

मनज्योत की दादी हरजीत कौर ने रुंधे गले से बताया कि सोमवार सुबह उसके भांजे ने अपने मोबाइल पर मनज्योत की फोटो देखी परिजनों को बताया। तब मन ज्योत की दादी उसके दो भाइयों के साथ बीकानेर पहुंची।

मनज्योत सिंह की दादी ने बताया कि उसके तीन बेटियां और एक बेटा है। सबकी शादी हो चुकी है। बेटे की बहू मनज्योत की मां मनजीत कौर 20 जनवरी-22 को घर से भाग गई। वह साथ में मनज्योत को भी ले गई। दोनों की खूब तलाश की लेकिन कहीं पता नहीं चला। तब हनुमानगढ़ थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।

मनज्योत ट्रोमा सेंटर के आईसीयू में भर्ती है। आईसीयू में आने वासे चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ बच्चे की दुर्दशा पर दुखी है। पीबीएम में बच्चे की देखभाल समाजसेवी कर रहे है। दवा व उपचार की व्यवस्था नि:शुल्क है। इसके वावजूद एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बच्चे के दूध व भोजन के लिए आर्थिक मदद की। चाइल्ड हैल्प लाइन 1098 के जिला समन्यक चैनाराम बिश्नोई व जिला उप समन्वय सुमन चौधरी ने बच्चे का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बच्चे की दादी से घटना के संबंध में जानकारी ली।

बच्चे की देखरेख समाजसेवी राजकुमार खड़गावत, हरीकिसनसिंह राजपुरोहित, रमेश व्यास, त्रिलोक आदि जुटे हुए हैं।

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