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बीकानेर,शांति निकेतन, गंगाशहर। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, गंगाशहर द्वारा आज तेरापंथ धर्मसंघ की शासनमाता साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी के देवलोकगमन के पश्चात् स्मृति सभा का आयोजन शांति निकेतन में किया गया। साध्वीप्रमुखाजी के गुणों पर प्रकाश डालते हुए आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनिश्री शान्तिकुमार जी ने कहा कि साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी ने तेरापंथ धर्मसंघ के तीन आचार्यों के शासनकाल में साध्वीप्रमुखा के रूप में संघ की सेवा की है। महान आत्माओं की मृत्यु भी महोत्सव बन जाता है। यह संयोग ही है कि आज यहां साध्वीप्रमुखाजी की स्मृति सभा आयोजित है तथा आज गुरूदेव तुलसी की मासिक पुण्यतिथि भी है। जिनके द्वारा गंगाशहर में ही उन्हें साध्वीप्रमुखा के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने कविता के माध्यम से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति दी। सेवाकेन्द्र व्यवस्थापिका साध्वीश्री कीर्तिलताजी ने कहा कि जीवन एक तीर्थयात्रा है जिसका प्रारम्भ जन्म से होता है तथा मृत्यु उसका अन्तिम पड़ाव है। साध्वीप्रमुखाजी का आभामण्डल बहुत ही पवित्र था। उनके मुखारविन्द से निकले शब्द सचमुच अद्वितीय थे। मुझे साध्वीप्रमुखाजी के साथ रहने का बहुत अवसर प्राप्त हुआ। आज मैं उन स्मृतियों को पुनः याद कर रही हूं। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हम भी अपना विकास करें। साध्वीश्री कंचनबाला जी तथा साध्वीश्री प्रभाश्रीजी ने कविता पाठ द्वारा उनको गुणों को प्रस्तुत किया। मुनिश्री विमल बिहारीजी, साध्वीश्री लाभवतीजी, साध्वीश्री जागृतयशाजी ने अपने विचार रखे। शासन गौरव साध्वीश्री ज्ञानवतीजी, साध्वीश्री कांताश्री जी ने संस्मरण सुनाए। मुनिश्री श्रेयांश कुमारजी द्वारा रचित गीत की प्रस्तुति भंवरलाल डाकलिया ने दी।
अजय चोपड़ा ने स्मृति सभा को संबोधित करते हुए कहा की मेरे जीवन में साध्वी प्रमुखा जी बहुत बड़ा आशीर्वाद व सहयोग रहा।  अपने जीवन से जुडी घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि हर कठिनाई के समय मेरा मनोबल बढ़ाया। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचन्द सोनी ने साध्वीप्रमुखाजी के बारे में बताते हुए कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि उनका साध्वीप्रमुखा के रूप में चयन इसी गंगाशहर की पावन धरा पर किया गया तथा उनकी प्रथम स्वतंत्र यात्रा ‘‘प्रेक्षा यात्रा’’ के रूप में इस धरा पर आई। तेरापंथी महासभा के संरक्षक व तेरापंथ न्यास ट्रस्टी लूणकरण छाजेड़  ने साध्वीप्रमुखा कनकप्रभाजी के जीवन से संबंधित चित्र दीर्घा  बनाने का सुझाव दिया। ज्ञानशाला ज्ञानार्थी जयेश छाजेड़, तेरापंथ कन्या मण्डल संयोजिका योगिता भूरा, तेरापंथ युवक परिषद् के अध्यक्ष विजेन्द्र छाजेड़, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष ममता रांका, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम मंत्री अंकुश चैपड़ा, अणुव्रत समिति सदस्य भैंरूदान सेठिया, आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान अध्यक्ष महावीर रांका, मंत्री हंसराज डागा इत्यादि  ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का सफल संचालन साध्वीश्री शान्तिलताजी ने किया।

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