बीकानेर, संभागीय आयुक्त व अकादमी अध्यक्ष डॉ. नीरज कुमार पवन ने कहा कि विद्यार्थी कठोर परिश्रम, दृढ़ इच्छा शक्ति, अनुशासन जैसे सद्गुणों को अपनाकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं। विद्यार्थी अपने जीवन-उद्देश्य का निर्धारण कर पूर्ण निष्ठा व गंभीरता के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें।
डॉ. पवन सोमवार को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी तथा राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय के संयुक्त तत्त्वावधान में आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत राजकीय पुस्तकालय सभागार में आयोजित राजस्थानी व्याख्यान ‘मन के जीते जीत’ में अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सफलता का मूलमंत्र है अपने कार्य को सर्वश्रेष्ठ तरीके से करना व यह तभी संभव है जब आप अपनी क्षमता का शत प्रतिशत इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि जीवन सहज नहीं होता, इसमें संघर्ष करना होता है। समय का सदुपयोग करें व स्वयं पर विश्वास रखें कि आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के एसो. प्रोफेसर (प्रबंधन) डॉ. गौरव बिस्सा ने विद्यार्थियों को खुद में छिपी शक्तियों को पहचानना, असफलताओं का बेहतर रूप से सामना करना, सकारात्मकता का महत्त्व, जीवन प्रबंधन आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक महान व्यक्तियों ने शारीरिक अक्षमताओं व अन्य बाधाओं के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल किया। विद्यार्थी अपनी आंतरिक क्षमताओं को पहचानें और समाज व देश के उत्थान के लिए हरसंभव प्रयत्न करें। वे व्यर्थ के कार्यों में अपनी ऊर्जा व समय नष्ट नहीं करें।
अकादमी सचिव शरद केवलिया ने कहा कि जो व्यक्ति आशावान होते हैं, उनका जीवन उत्साह से भरा होता है। जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाए, पूर्ण उत्साह से कार्य करते रहें। पुस्तकालयाध्यक्ष विमल शर्मा ने आभार व्यक्त किया।
विश्व कविता दिवस पर कविताओं की प्रस्तुति- विश्व कविता दिवस के अवसर पर समारोह के दौरान विद्यार्थियों उमा मेड़तिया, रजत राणा, जयश्री बीका, गुंजन कच्छावा, मोनिका, मानसी राणा सहित पुस्तकालय विकास समिति सदस्य असद अली असद ने कविताओं की प्रभावी प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर मोहम्मद फारूख चौहान, महेश पांडिया, रजनीश मोदी, मनोज मोदी, मोहित गज्जाणी, शिवकरण चौधरी, योगेश कुमार हटीला, किशनदान, प्रीति शर्मा, विधान, काजल, कृतिका सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
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