बीकानेर, कला, साहित्य, संस्कृति व शिक्षा मंत्री डाॅ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि होली प्रेम, उमंग, एकता व भाईचारे का त्योहार है। होली का त्योहार हमारे जीवन में आशा और आनंद का उपहार लेकर आता है। होलिका दहन के माध्यम से हमें क्रूरता, घृणा आदि दुर्गुंणों को मिटाकर, सद्गुणों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है।
डाॅ. कल्ला गुरुवार को अपने निवास स्थान पर राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की मुखपत्रिका ‘जागती जोत’ के मार्च माह के अंक का विमोचन कर रहे थे, इस विशेषांक में होली पर विशेष सामग्री सम्मिलित की गई है। डाॅ. कल्ला ने कहा कि बीकानेरी होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां की रम्मतें हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं व स्वस्थ मनोरंजन का माध्यम हैं। होली के लोकगीत व चंग की मधुर ध्वनियां वातावरण को आनंद से भर देती हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण आमजन गत दो वर्ष से होली का त्योहार पूर्ण उत्साह से नहीं मना पाए थे, पर इस बार लोगों में उल्लास-उमंग है।
अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि जागती जोत के इस विशेषांक में होली संबंधित विशेष आलेख, कथा, कविता, दोहे आदि प्रकाशित किए गए हैं ।
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