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बीकानेर,राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि जिन डॉक्टरों की नियुक्तियां ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में हो रखी है, उनमें से हजारों डॉक्टरों ने जयपुर, अजमेर जैसे शहरों में डेपुटेशन पर अपनी नियुक्तियां करवा रखी हैं। अकेले जयपुर में करीब तीन सौ डॉक्टर डेपुटेशन पर नियुक्त हैं। पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का नाम लिए बगैर मीणा ने कहा कि अजमेर जिले में दो गुना ज्यादा डॉक्टर बैठे हैं। मीणा ने कहा कि डॉक्टरों और नर्सिंग कर्मियों का शहरों में डेपुटेशन भ्रष्टाचार के बिना नहीं हो सकता है। मैं ऐसा भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं कर सकता, इसलिए चिकित्सा विभाग सभी डेपुटेशन निरस्त किए जा रहे हैं। जो डॉक्टर नर्सें जहां नियुक्त है, उन्हें वहीं काम करना होगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि मीणा की यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करेगी, लेकिन सवाल उठता है कि क्या रघु शर्मा के चिकित्सा मंत्री रहते हुए डॉक्टरों नर्सों के डेपुटेशन में भ्रष्टाचार हुआ? मौजूदा चिकित्सा मंत्री मीणा ने तो अपनी बात साफगोई के साथ कह दी है, लेकिन मीणा के बयान पर पूर्व चिकित्सा मंत्री और मौजूदा समय में गुजरात में कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा को प्रतिक्रिया देनी चाहिए। रघु शर्मा ने चिकित्सा मंत्री के पद पर रहते हुए ईमानदारी का बहुत ढिंढोरा पीटा था। लेकिन ऐसे ढिंढोरे की अब पोल खुल गई है। रघु को इसी वर्ष गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से बड़ी भूमिका निभानी है, लेकिन ऐसे आरोपों के चलते रघु शर्मा की स्थिति गुजरात में कैसी होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। गंभीर बात तो यह है कि डेपुटेशन में भ्रष्टाचार का संदेह कांग्रेस सरकार के नए मंत्री ने ही लगाया है।

भदेल ने भी लगाया है आरोप:
रघु शर्मा के चिकित्सा मंत्री रहते कोरोना काल में मरीजों के लिए खरीदे गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद में भ्रष्टाचार होने का आरोप पूर्व मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ विधायक अनिता भदेल ने भी लगाया है। भदेल का आरोप है कि 35 हजार रुपए की कीमत वाले कंसंट्रेटर 92 हजार रुपए में खरीदे गए। ऐसे कंसंट्रेटर मात्र दो लीटर ऑक्सीजन की शुद्धता वाले थे, लेकिन उन्हें 10 लीटर की शुद्धता वाला बताया गया। अकेले अजमेर जिले में ही 126 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गए। प्रदेशभर में तो हजारों कंसंट्रेटर खरीदें हैं। इसमें हुए भ्रष्टाचार का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर विधायक फंड से भी खरीदें गए हैं। श्रीमती भदेल ने कहा कि चिकित्सकों के डेपुटेशन में भ्रष्टाचार की बात खुद चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने स्वीकार कर ली है। अच्छा हो कि रघु शर्मा के चिकित्सा मंत्री रहते हुए कंसंट्रेटर खरीद में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर चिकित्सा विभाग के दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। अधिकारियों ने राजनीतिक संरक्षण की वजह से करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है। ऐसे अधिकारी अजमेर में भी बैठे हैं। अजमेर में ऊंची कीमत पर खरीदे गए दो लीटर की क्षमता वाले कंसंट्रेटर के मामले में पूरे दस्तावेज उनके पास हैं। चिकित्सा मंत्री मीणा को ऐसे दस्तावेज उपलब्ध करवाए जा सकते हैं।

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