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बीकानेर,राज्य में ये पहली बार है कि ग्रेड थर्ड टीचर्स की भर्ती के लिए दो तरह के नियम चल रहे हैं। REET लेवल वन को पार करने वाले अभ्यर्थियों को उनके अंक के आधार पर सीधे नौकरी दी जा रही है। वहीं, लेवल टू के केंडिडेट्स को परीक्षा कैंसिल होने के कारण फिर से देनी होगी। इसके बाद फिर शिक्षक भर्ती की परीक्षा देनी होगी। ऐसे में रीट लेवल 2 के करीब सवा लाख अभ्यर्थी सफल होने के बाद भी भर्ती में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। जबकि लेवल एक की परीक्षा देने वालों को अगले कुछ दिन में नियुक्त आदेश मिल जाएंगे। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का काम अंतिम चरण में है।

दरअसल, REET 2021 लेवल दो की परीक्षा रद्द होने के बाद से इस भर्ती प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े हाे गए हैं। शिक्षा विभाग ने REET की पात्रता को आजीवन कर दिया, लेकिन बेरोजगारों पर भर्ती परीक्षाओं का बोझ कम करने के बजाय बढ़ा दिया है। अब राज्य में ग्रेड थर्ड टीचर बनने के लिए पांच परीक्षाओं की बाधा को पार करना होगा। इसके बाद भी तय नहीं है कि केंडिडेट्स को नौकरी मिल जाएगी या नहीं? इससे ये परीक्षा डॉक्ट-इंजीनियर के एग्जाम से भी ज्यादा मुश्किल हो गई है। पिछले दस साल में शिक्षा विभाग ने टीचर्स भर्ती के नियमों में पांच बार बदलाव कर दिया है। बार बार बदलते नियमों के बीच बेरोजगार असमंजस में है कि अगली परीक्षा किस नियम से होगी।

सबसे पहले शिक्षक भर्ती के साथ जुड़े टेट के अंक

वर्ष 2011 व 2012 में हुई भर्ती के दौरान मुख्य भर्ती परीक्षा के साथ बीस प्रतिशत अंक TET (टीचर्स इलेजिबिलिटी टेस्ट) के जोड़े गए। इसके बाद जिला स्तर पर मेरिट बनी। अब जिला स्तर के बजाय राज्य स्तर पर मेरिट बन रही है।

इसक बाद शिक्षक भर्ती नहीं करवाई गई। बल्कि सीधे REET के आधार पर ही नियुक्ति दी गई। जिला स्तरीय मेरिट के बजाय सीधे राज्य स्तर की मेरिट बनी। 2016 की भर्ती में तो लेवल दो में ग्रेजुएशन के नंबर भी जोड़ दिए गए। यहां रीट के सत्तर फीसदी और ग्रेजुएशन के तीस फीसदी अंक जोड़कर मेरिट बनाई गई

टीचर बनना अब डॉक्टर या इंजीनियर बनने से भी मुश्किल होता जा रहा है। एक डॉक्टर को बारहवीं के बाद नीट और उसके बाद सीधे एमबीबीएस करनी होती है। इसी तरह इंजीनियर को भी बारहवीं के बाद जेईई की परीक्षा देनी होती है। इसके बाद सीधे डिग्री होती है और उसी आधार पर नियुक्ति मिल जाती है। इसके विपरीत टीचर बनने के लिए बारहवीं के बाद डीएलएड या ग्रेजुएशन के बाद बी.एड. करनी होती है। इसके बाद REET की परीक्षा देनी होगी। REET में सफल होने तक बार बार परीक्षा देनी होगी। इसके बाद शिक्षक भर्ती परीक्षा देनी होगी। उसमें भी अगर मेरिट में नंबर आता है तो टीचर बनने का अवसर मिलेगा।

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