बीकानेर,शहर से करीब 80 किमी दूर गुरु जम्भेश्वर महाराज की तपोस्थली मुकाम में एक ऊंट ढाई लाख में बिका है। पुष्कर मेले में इस बार जहां ऊंटाें की आवक और बिक्री बहुत की कम आंकी गई है वहीं मुकाम में आयोजित ऊंट मेले में ऊंटों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। पहली बार मुकाम मेले में 18 हजार से अधिक ऊंट बेचने के लिए लाए गए। ऊंटों की बाेली 35 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक लगी है। 38 बीघा क्षेत्र में फैले इस मेले में राजस्थान के अलावा, यूपी, एमपी और गुजरात के ऊंट पालक भी पहुंचे। पशुओं और कृषि यंत्रों के सामान की 200 दुकानें भी लगाई गईं।
पुष्कर पशु मेले पर एक नजर…
2021 के मेले में मात्र 2350 ऊंट ही आए, इनमें से केवल 525 ही बिक सके 1 लाख रही किसी ऊंट की उच्चमत बोली इसके बाद 18000 रु. पर अटकी कीमत
कब भरता है मेला- फाल्गुन अमावस्या के बाद
मुकाम पशु मेला सदियों से हर वर्ष फाल्गुन अमावस्या के बाद भरता है, लेकिन इस मेले को पुष्कर मेले की तरह मान्यता नहीं है। मुकाम मेले में इस बार देशभर से 18 हजार से अधिक ऊंट पहुंचे हैं। यहां पहुंचे कुछ ऊंट तो ढाई लाख रुपए तक बिके। कोरोना के कारण दो साल बाद यहां मेला लगने से पशुपालकों में काफी उत्साह देखा गया।
सबसे ज्यादा ऊंट 85% राजस्थान में; सबसे कम 0.85% उत्तर प्रदेश में
राजस्थान : 2,15,000
गुजरात : 28,000
हरियाणा : 5000
उत्तरप्रदेश : 2000
ऊंटों की गणना वर्ष 2019 में हुई थी। उस समय देश में 2 लाख 52 हजार ऊंट गिने गए थे। उस समय राजस्थान में 2 लाख 15 हजार ऊंट बचे हुए थे जो कुल आबादी का 85 फीसदी था। इस लिहाज से सबसे कम ऊंट उत्तर प्रदेश में बचे हुए थे, जो 0.85 प्रतिशत ही बचे थे।