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बीकानेर,भारत की जनवादी नौजवान सभा का 15 वा राज्य सम्मेलन रविवार को संपन्न हुआ नवनिर्वाचित राज्य अध्यक्ष सत्यजीत भीचर ने बताया कि सम्मेलन के दूसरे दिन रिपोर्ट पर बहस जारी रही। बहस में 39 प्रतिनिधि साथियों ने भाग लिया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व राज्य उपाध्यक्ष एवं किसान नेता श्योपत राम मेघवाल ने कहा कि देश की सरकारें लगातार नौजवान विरोधी नीतियों को लागू कर रही है। देश की सरकारें ‘नौजवानों को संविदा एवं ठेका प्रथा से आगे बढ़कर’, परिवारों को अनाज देकर विकास के दावे कर रही है। केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र में 60 लाख पद रिक्त है लेकिन सरकार निजीकरण कर रही है। सम्मेलन में बात रखते हुए अखिल भारतीय अध्यक्ष ए ए रहीम ने कहा कि डीवाईएफआई ने संघर्ष और बलिदान के सामाजिक सरोकारों में 4 दशक पूरे कर लिए हैं। आजादी के 75 सालों में बेरोजगारी अपने उच्चतम स्तर पर है। 2018 से 2020 के बीच 25231 नौजवानों ने बेरोजगारी से परेशान होकर आत्महत्या करने का काम किया है। देश की सरकारें संविधान की मूल भावनाओं के विपरीत नौजवान एवं जन विरोधी नीतियों को लागू कर रही है। संगठन की ताकत बढ़ाते हुए आंदोलन तेज करने की आवश्यकता है। आगामी मई महीने में अखिल भारतीय सम्मेलन कोलकाता में आयोजित किया जाएगा। जिसमें पूरे देश के नौजवान भाग लेकर रोजगार की मांग पर आंदोलन का निर्माण करेंगे। सम्मेलन में बिना किसी शर्त बेरोजगारी भत्ता समय पर देने, प्रतियोगी परीक्षा में पारदर्शिता लाते हुए भ्रष्टाचार रोकने, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाते हुए बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने, नशे के बढ़ते कारोबार का नौजवानों पर बढ़ते दुष्प्रभाव को रोकने। केंद्र एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने, पेट्रोल डीजल एवं रसोई गैस की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने, संविदा एवं ठेकेदारी के माध्यम से सरकारी विभागों में नौजवानों के आर्थिक शोषण पर रोक लगाने, जिला रोजगार केंद्रों का डिजिटलाइजेशन करने, तहसील मुख्यालय पर भी रोजगार केंद्र शुरू करने, कांकरी डूंगरी में निर्दोष पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, जाति के आधार पर बढ़ते शोषण की रोकने, समेत अनेक प्रस्ताव पारित किए गए। सम्मेलन की जांच पड़ताल रिपोर्ट महिपाल सिंह चारण द्वारा रखी गई। राज्य सचिव द्वारा रिपोर्ट की बहस का जवाब दिया गया एवं प्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल करते हुए रिपोर्ट पास की गई। सम्मेलन के अंत में सर्वसम्मति से 37 सदस्य राज्य कमेटी का चुनाव किया गया। जिसमें 11 सदस्यों को सचिव मंडल में लेते हुए बीकानेर से सुंदरलाल बेनीवाल को संयुक्त सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई। इसके साथ-साथ बीकानेर से राज्य कमेटी सदस्य के रूप में कैलाश बेनीवाल, सत्यपाल प्रजापत, रामप्रताप, मोनिका प्रजापत और बेबी को चुना गया।

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