बीकानेर के खाने-पीने के शौकीनों के साथ ही इन चीजों की शुद्धता वाला शहर भी माना जाता है लेकिन अब शहर की गुणवत्ता वाली पहचान पर बट्टा लगता जा रहा है। बीते दो सालों सहित इस महीने के दो महीनों में यहां जितने भी खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए उनमें से करीब एक चौथाई मानकों पर खरे नहीं उतरे।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2020 से फरवरी 2022 तक बीकानेर में 1220 सैंपल की जांच हुई। इनमें से 322 नमूने गुणवत्ता के पैमानों पर सही नहीं पाए गए। इनमें ज्यादातर दूध या इससे बनी चीजें हैं। मसलन, घी, मिठाई आदि। वर्ष 2020 में सबसे ज्यादा 27.51 प्रतिशत नमूने फेल हुए। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है, जो सैंपल फेल हुए हैं, उन सबके केस बनाकर चालान किए जाते हैं। इनमें कोर्ट की तरफ से ही सजा या पेनल्टी का प्रावधान होता है।
चूंकि स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने ये सभी सैंपल रैंडम पद्धति से यानी अभियान चलाकर जिले में अलग-अलग जगहों से लिए गए हैं, ऐसे में माना जा सकता है कि पूरे जिले में एक चौथाई से ज्यादा खान-पान की चीजें ऐसी बिक रही है जो खाने से स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकती है।स्वास्थ्य विभाग अभियान भी चलाता है इसके अलावा नियमित सैंपलिंग भी हो रही हैं। सैंपल गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरने पर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई का प्रावधान है। वह कर रहे हैं। – डाॅ. बीएल मीणा, सीएमएचओ