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बीकानेर। जैसलमेर रियासत के 44 वें पूर्व महारावल चैतन्यराज सिंह शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर पहली बार बीकानेर पहुंचे। उनका जिले की सीमा में प्रवेश करने के साथ ही नोखड़ा, गडिय़ाला, श्रीकोलायत, गजनेर, नाल सहित बीकानेर में अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा स्वागत किया गया। यह जानकारी देते हुए सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग राजस्थान के सहायक निदेशक हिंगलाजदान रतनू ने बताया कि वे यहां रविवार को सुबह 11 बजे टाऊन हॉल में देश के जाने-माने डिंगल कवि, राजस्थानी लोक संस्कृति के मूर्धन्य विद्वान वरिष्ठ साहित्यकार भंवर पृथ्वीराज रतनू की भाटी व राठौड़ वंश के बीच हुए तनाव और फिर समझौते से उल्लेखित राजस्थानी भाषा में लिखी पुस्तक ‘मगरे रो मोती-मिनजी रतनू’ का विमोचन करेंगे। उन्होंने बताया कि पुस्तक का प्रकाशन ठाकुर जयवीर सिंह रावलोत हाडलां ने कराया है जो कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि भी है। कार्यक्रम में सागर स्थित श्री ब्रह्म गायत्री सेवाश्रम के अधिष्ठाता पं. रामेश्वरानंदजी महाराज के पावन सानिध्य में अध्यक्षता देशनोक स्थित करणी मंदिर निजी प्रन्यास के अध्यक्ष गिरिराज सिंह बारहठ करेंगे वहीं मुख्य वक्ता प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. प्रकाश अमरावत, जोधपुर व बाड़मेर के प्रख्यात साहित्यकार दीपसिंह भाटी होंगे। पत्रवाचन डॉ. किरण कविराज जयपुर करेंगी। कैलाशसिंह रतनू ने बताया कि समारोह की तैयारियां अंतिम दौर में हैं तथा समारोह में जिले के साहित्यकार, समाजसेवी, बुद्धिजीवी आदि गणमान्य नागरिक शामिल होंगे।

बीकानेर पहुंचने पर स्वागत करने वालों में जगदीश रतनू, कैलाश रतनू, सवाई सिंह, प्रभुदान, गोर्धनदान, मनोहर सिंह लूणा, राजेन्द्र सिंह मुंजासर, युवराज सिंह पालावत, कुणाल रतनु, हर्षवर्धन, ईश्वर सिंह, गिरधारी दान बिठू, गिरिराज सिंह, कन्हैया लाल, मोहन सिंह नाल, सुनील कुमावत सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।

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