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बीकानेर,प्रदेश के 28 शहराें में पसरे 70 लाख टन कचरे काे हटाने के लिए राज्य सरकार ने 280 कराेड़ रुपए का प्रस्ताव केन्द्र काे भेजा था जाे स्वच्छ भारत मिशन-2 के तहत मंजूर हो गया है। 550 रुपए प्रति मीट्रिक टन कचरा हटाने का खर्चा आंकते हुए 24 शहराें के लिए पहली किस्त 29.72 कराेड़ रुपए मंजूर भी हो गई है। डंपिंग यार्ड हटाने के लिए कुल खर्च का 70 प्रतिशत केन्द्र और 30 प्रति राज्य सरकार वहन करेगी। जयपुर काे सर्वाधिक 10.30 कराेड़ रुपए और बीकानेर काे 4.54 कराेड़ मंजूर हुए हैं।

दरअसल एनजीटी की गाइड लाइन के कारण स्वच्छ भारत मिशन-2 में सबसे ज्यादा जाेर कचरा प्रबंधन पर दिया जा रहा है। इसके तहत शहराें काे कचरा मुक्त किया जाना है। बीकानेर समेत प्रदेश के करीब 30 छाेटे-बड़े शहराें में 70 लाख टन से ज्यादा कचरे के डंपिंग यार्ड बने हुए हैं। अकेले बीकानेर में 731960 क्यूबिक मीटर में साढ़े सात लाख टन कचरे का ढेर है।

न्यायालय ने अगस्त 2022 तक डंपिंग यार्ड काे हटाने के निर्देश दिए थे। उसी के तहत राज्य सरकार ने प्रदेश के 28 शहराें के लिए करीब 280 कराेड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर केन्द्र सरकार काे भेजा था। वाराणसी में दाे महीने पहले हुए मेयर काउंसिल में भी डंपिंग यार्ड का मुद्दा उठा था। उसके बाद केन्द्र ने डंपिंग यार्ड हटाने के लिए राशि मंजूर कर दी। जल्दी ही अब राज्य सरकार काे भी अपने हिस्से की राशि निकायों को जारी करनी होगी।

473.33 एकड़ में फैला है प्रदेश के 27 शहराें का कचरा; बीकानेर में 12.88 एकड़
प्रदेश भर के 27 शहराें की 473.33 एकड़ भूमि डंपिंग यार्ड बनी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा जयपुर में 192 एकड़ भूमि में कचरे के ढेर हैं। बीकानेर में 12.88 एकड़ में कचरे का ढेर है। श्रीगंगानगर में 26.7, हनुमानगढ़ में हनुमानगढ़ में 17.57, चूरू में 8.93, झुंझुनूं में 15.80, अलवर में 12.05, भरतपुर में 17, धौलपुर में 1.13, हिंडाैन में 9.58, गंगापुर सिटी में 26.70, जयपुर ग्रेटर में 44.18, जाेधपुर साउथ में 17.24, बूंदी में 8.88, भीलवाड़ा में 4.33, बारां में 10.84, सुजानगढ़ में 5.60, चित्ताैड़गढ़ में 7.96,सवाईमाधाैपुर में 17.24, जयपुर में 147.83, सीकर में 7.12, नागाैर में 12.69, किशनगढ़ में 16.30, ब्यावर में 4.80 और उदयपुर में 21.39 एकड़ भूमि में डंपिंग यार्ड बने हुए हैं। ये आंकड़े केन्द्र सरकार की ओर से मंजूर राशि के साथ जारी किए गए हैं।

कचरे के ढेर हटाने के लिए किस शहर में कितनी राशि की जरूरत-मंजूरी
कचरे के ढेर हटाने के लिए किस शहर में कितनी राशि की जरूरत-मंजूरी
रिकॉल: न्यायालय ने किया है पाबंद
2017 में बीकानेर के गंगाशहर के गाेपीकिशन अग्रवाल ने हाईकाेर्ट में एक जनहित याचिका लगाई और कहा कि शिववैली डंपिंग यार्ड में प्रति दिन करीब 250 टन कचरा डाला जाता है। इस कचरे की वजह से मास्टर प्लान की 60 फीट राेड, शिव वैली की 80 फीट राेड और करीब 6 एकड़ में फैला पार्क नष्ट हाे रहा है। न्यायालय की राेक के बाद तत्कालीन आयुक्त प्रदीप महापौर नारायण चौपड़ा ने दूसरे कचरा केन्द्र की तलाश की जहां अब कचरा डाला जा रहा है।

डंपिंग यार्ड में बीकानेर
बीकानेर के शिवबैली स्थित नगर निगम की करीब 12.88 एकड़ जमीन पर कचरे का ढेर है। इसमें से 40 बीघा से ज्यादा जमीन पर अवैध कब्जा है। यार्ड साफ हाेने के बाद जमीन मुक्त कराई जाएगी। मेयर सुशीला कंवर की पहल पर केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बजट की पैरवी की।

फायदा-यहां हाउसिंग-कॉमर्शियल प्लान
शिववैली की करीब सवा साै बीघा जमीन पूरी तरह से खाली हाेने के बाद नगर निगम इस जमीन पर हाउसिंग व काॅर्मशियल प्लानिंग करेगी।

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