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बीकानेर, शिक्षा विभाग ने राज्य की स्कूलों में बढ़ती दुराचार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कमर कस ली है। अब “यदि स्कूलों में बच्चों के साथ अनाचार की घटनाएं होती है तो जिस स्तर पर लापरवाही होगी उस स्तर के लिए जिम्मेदार कार्मिक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ साथ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकेगी। माध्यमिक शिक्षा की अतिरिक्त निदेशक रचना भाटिया ने बताया कि इसके लिए विभाग ने नए दिशा निर्देश जारी किए हैं जिससे + स्कूलों में अनाचार की घटनाओं पर अंकुश लग सकेगा। नए दिशा निर्देशी के अनुसार कक्षाध्यापको को हर विद्यार्थी की सामाजिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि की प्रोफाइल तैयार करनी होगी। शिक्षकों को बच्चों के दैनिक व्यवहार पर भी नजर रखनी होगी असहजता की स्थिति का पता लगा कर उनका निवारण करना होगा तथा जरूरत होने पर अभिभावकों से भी संपर्क रखना होगा। विद्यार्थियों के एकांत में जाने पर शिक्षकों को नजर रखनी होगी। शौचालय आदि ऐसे स्थान पर हो जहां से आते जाते नजर रखी जा सकें।

हर स्कूल में गरिमा पेटी लगाना जरूरी होगा। सप्ताह में एक बार या कभी कभी आकस्मिक रूप से इस गरिमा पेटी को एक महिला शिक्षक, बीट कांस्टेबल की उपस्थिति में गरिमा पेटी खोली जाएगी। यदि उसमें कोई शिकायत मिले तो शिकायत के आधार पर तत्काल जांच की जाए। शिकायत को दबाने या लीपापोती की जाने पर दोषी कार्मिक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जानी जरूरी होगी। प्रार्थना सभा में गरिमा पेटी की नियमित जानकारी दी जाएगी ताकि विद्यार्थियों में विश्वास कायम हो सकें।

पीईईओ को और पीईईओ अपने उच्चाधिकारी को और इसी तरह संयुक्त निदेशक से होती हुई सूचना निदेशालय तक पहुंचेगी। इस चैन में जिस स्तर पर लापरवाही होगी या लीपापोती होगी स्तर के अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

सभी स्कूलों में निगरानी समिति तो होगी ही साथ ही पीईईओ ब्लॉक तथा जिला स्तर तक निगरानी समितियां होगी जो प्राप्त शिकायतों का निराकरण करेगी। जिला स्तर पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय समिति होगी जिसमें जिले की एक महिला प्रधानाचार्य होनी जरूरी होगी। इसी तरह ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पीईईओ स्तर की कमेटी में संबंधित पीईईओ तथा विद्यालय स्तर पर संस्था प्रधान अध्यक्ष होंगे। हर कमेटी में एक शिक्षिका को शामिल किया जाएगा। जबकि विद्यालय स्तर की कमेटी में उच्चतम स्तर की कक्षा का एक छात्र तथा एक छात्रा तथा दो अभिभावक प्रतिनिधि शामिल होंगे।

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