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बीकानेर, कृषि अनुसंधान केंद्र, बीकानेर पर आज से अनार की उन्नत उत्पादन तकनीक पर दो दिवसीय -10 से 11 मार्च, प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। किसानों को अनार के पौधे, पंजीकृत नर्सरियों, विश्वविद्यालय या केन्द्र सरकार के संस्थानों से ख़रीदकर लगाने चाहिये तांकि सही गुणवत्ता का बगीचा स्थापित हो। सिंचाई नियमित रूप से करे व पौधे को संस्तुति खाद व उर्वरकों को देना चाहिए ताकि फल के फटने की समस्या ना हो, यह कहना है डॉ बी.डी.शर्मा, निदेशक, केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान का। किसानों को भगवा के साथ अन्य किस्म जैसे सोलापुर लाल, सुपर भगवा आदि भी लगानी चाहिये। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ पी एस शेखावत, अनुसंधान निदेशक, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर ने अनार के साथ अन्तर सस्य के रूप में अन्य फसलों को भी उगाना चाहिए ताकि अतिरिक्त आमदनी मिल सके। डॉ एस आर यादव, क्षेत्रीय निदेशक, कृषि अनुसंधान केंद्र, बीकानेर ने अनार किसानों को बगीचे लगाने से पहले मिट्टी व पानी की जांच करके पोषक तत्व देने चाहिए। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया की इस प्रशिक्षण में क्षेत्र के 40 अनार उत्पादक किसान इसमे भाग ले रहे है। कार्यक्रम का संचालन डॉ राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने किया व डॉ प्रियंका ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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