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बीकानेर, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को जिला स्तरीय समन्वय समीक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई।

बैठक में मुख्यतः सरकारी ऋण योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गयी । कलाल  ने कहा कि सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की क्रियान्विति में किसी भी बैंकर्स ने पूर्ण रूप से रूचि नहीं दिखाई है। यह बहुत ही गंभीर मामला है। उन्होंने सभी ऋण योजनाओ के लंबित प्रकरणों का समय पर निस्तारण कर आगामी 7 दिनों में ऋण वितरित कर लाभान्वित करने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने ’लोगिंग डे’ आयोजित कर, बैंकों में बकाया आवेदनों में से 50 प्रतिशत का निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन आवेदनों मे ऋण स्वीकृत किया जा सकता है, उन्हें ऋण मुह्हैया करवाया जाए। अनावश्यक रूप से लोगों के आवेदन अपने पास नहीं रखेंगे। उन्होंने कहा कि ऋण क्यों नहीं स्वीकृत किया है, उसकी जानकारी संबंधित विभाग और आवेदक को दी जाए। उन्होंने कहा कि अर्थ व्यवस्था को गति देने के लिए जरूरी है कि लोगों को समय पर बैंक ऋण स्वीकृत करें। इससे लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
सक्षम अधिकारी बैठक में उपस्थित हो– जिला कलक्टर ने एसबीआई बैंक की विभिन्न शाखाओं में सरकारी योजनाओं मंे ऋण आवेदन पेण्डिंग होने पर नाराजगी जताई और जब इस प्रगति के बारे में पूछा तो एसबीआई के बैंक अधिकारी कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे पाए। इस पर जिला कलक्टर ने लीड बैंक अधिकारी को निर्देश दिए आगामी बैठक में बैंक के सक्षम अधिकारी को बुलाया जाए। जिससे वास्तविक स्थिति की समीक्षा की जा सके और वह योजनाओं का क्रियान्वित करवा सके। उन्होंने कहा कि लीड बैंक जिले के सभी बैंकों को लीड करता है, जब एसबीआई (लीड बैंक) की ही प्रगति कम रहेगी तो अन्य बैंकों को वह क्या लीड करेगा। अतः एसबीआई सरकारी योजनाओं में प्राप्त आवेदनों को गंभीरता से ले और जो प्रकरण निस्तारण योग्य नहीं है, उसे वापिस विभाग व प्रार्थी को भेजा जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि बैंकों में ऋण स्वीकृति हेतु भेजे गए आवेदनों की प्रगति के लिए बैंक अधिकारी समन्वय रखे।
शिविर लगाकर ऋण वितरित करें-जिला कलक्टर कलाल सभी बैंकर्स को निर्देश दिए सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के तहत जरूरतमंदों को समय पर ऋण वितरित कर, उन्हंे स्वालम्बी बनाए। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में जिन लोगों ने रोजगार के लिए ऋण के लिए आवेदन किए हैं, उन्हें शिविर लगाकर, ऋण दिए जाए। शिविर मंे आवेदनो में रही कमियों को दूर करवाकर, लक्ष्यों की पूर्ति करे। सभी बैंकर्स अपने क्षेत्र में ऋण सुलभ कराने के कार्यों को प्राथमिकता से निपटाए। उन्होंने जिले के बैंकों में शौचालयों के बारे में फीड बैक लिया और निर्देश दिए कि महिलाओं के लिए अलग से शौचालय बनाएं जाए। उन्होंने इन्दिरा गाँधी क्रेडिट कार्ड योजना में प्रगति को अस्वीकार्य बताया।
जिला अग्रणी बैंक के मुख्य प्रबंधक एमएमएल पुरोहित ने सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की प्रगति के बारे में बताया।  बैठक में आरबीआई के अधिकारी ओपी काविया, नाबार्ड के डीडीएम रमेश ताम्बिया, एजीएम एसबीआई राजेन्द्र गुप्ता सहित विभिन्न बैकों के प्रबंधक एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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