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बीकानेर में श्रुत भक्ति दिवस को तप त्याग के साथ मनाया गया परम पूज्य आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलालजी म.सा.का युवाचार्य पदारोहण दिवस एवं उपाध्यायप्रवर श्री राजेशमुनि जी म.सा.का उपाध्याय पदारोहण दिवस सेठिया कोटड़ी में चतुर्विध संघ की साक्षी में तप-त्याग,ज्ञान-आराधना के साथ मनाया गया।
प्रवचन सभा में सर्वप्रथम *श्री हिमांशुमुनि जी म.सा.* ने फरमाया कि हम गुरु को नहीं गुरू की मानें तभी हमारा कल्याण संभव है ।आपने आचार्य श्री रामेश को तपोमूर्ति एवं उपाध्यायप्रवर श्री राजेशमुनि जी म.सा को ज्ञानमूर्ति बताते हुए उनके गुणों पर प्रकाश डाला।
मुनि श्री ने फरमाया कि दोनों महापुरुष ज्ञान,क्रिया और संयम के बेजोड़ संगम हैं। आचार्य श्री नानेश जैसे महान् व्यक्तित्व ने उन्हें तराशा है।
*साध्वी श्री पूर्णिमा श्री जी म.सा.* एवं *साध्वी श्री जयामिश्री जी म.सा.ने गद्य और पद्य में अपने भाव रखे।
*श्री आदित्य मुनिजी म.सा* ने प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार 10 एकड़ में फैला खेत हो लेकिन वहां फसल नही होती हो,बादल तो विशाल हो पर उसमें पानी ना हो ,व्यक्ति लंबा चौड़ा हो पर उसमें गुण ना हो तो सब व्यर्थ हैं उसी प्रकार मुनष्य का दुर्लभ जीवन तो हो पर सद्गुरु ना हो तो जीवन का कोई महत्व नहीं है।शिष्य कितना भी ज्ञान अर्जित कर ले,बड़ी से बड़ी तपस्या कर ले,खूब नाम कमा ले लेकिन गुरु की अवज्ञा,अशातना करे तो सब व्यर्थ हैं।ज्ञान व्यर्थ,ध्यान व्यर्थ,क्रिया व्यर्थ सब व्यर्थ। गुरु की मान ली तो सबकी मान ली।
*श्री वीरेन्द्र मुनि जी म.सा. ने भजन के माध्यम से अपने उद्गार व्यक्त किए *श्री रमेश मुनि जी म.सा.* ने आचार्य श्री को तिन्नाणं और तारियाणं यानि जो स्वयं संसार रूपी समुद्र से तरते हैं और अपनी शरण में आने वाले को तारते हैं।
सभा का संचालन *श्री सुशील जी बछावत* ने किया। इस अवसर पर साधुमार्गी जैन सेवा समिति,समता युवा संघ,समता महिला मंडल, समता बहु मंडल के कई सदस्यों ने उपवास, एकासन, बेला,तेला,संवर के प्रत्याख्यान ग्रहण किये।
-हेमन्त कुमार सिंगी प्रभारी-प्रचार-प्रसार समिति

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