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बीकानेर कोविड की तीसरी लहर लगभग गुजर चुकी है। हर दिन औसतन सात नए रोगी ही रिपोर्ट हो रहे हैं। इसके साथ ही लहर के पीक में टीके लगाने के प्रति जो उत्साह बना था वह भी ठंडा हो गया। अब वैक्सीनेशन टीमों को हर दिन टीके लगवाने वालों को इंतजार करना पड़ रहा है। इन सबके बावजूद बीकानेर में अब तक 84.1 प्रतिशत वयस्क दोनों डोज लगवा चुके हैं। अन्य जिलों से तुलना करें तो बीकानेर इस मामले में प्रदेश में 18वें नंबर पर है। प्रदेश में औसत 83.5 प्रतिशत को दाेनाें डोज लगी है। ऐसे में बीकानेर इस श्रेणी में प्रदेश के औसत से आगे हैं। इससे इतर हैरानी की बात यह है कि फर्स्ट डोज लगवा चुके 268553 दूसरी डोज लगवाने नहीं पहुंच पहुंच रहे हैं।

वयस्कों की फर्स्ट डोज का आंकड़ा देखें तो बीकानेर में 1778519 में से 1689391 ने पहला टीका लगवाया। यानी 95 प्रतिशत को पहली डोज लग गई। यह डोज लगाने में प्रदेश में 24वें नंबर पर रहते हुए बीकानेर 98.3 प्रतिशत के औसत से भी पिछड़ा रहा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों को मानना है कि पहली डोज 95 प्रतिशत ही लग पाने को में यह माना जा सकता है कि लाभान्वितों को अनुमानित आंकड़ा गलत तय हो गया हो। इससे इतर जो लोग पहली डोज लगवा चुके हैं वे दूसरी नहीं लगवा रहे हैं तो यह जाहिर है कि कोविड का डर कम हुआ है।

बीकानेर में 15 से 18 वर्ष की उम्र वाले 154956 को टीका लगाने का पात्र माना गया था। इसमें से अब तक 110905 यानी 71.6 प्रतिशत को पहला टीका लग पाया है। अब तक 60511 यानी 54.6 प्रतिशत ने दोनों डोज लगवाई।

यह सही है कि कोविड की तीसरी लहर आने के दौरान टीके के प्रति जो उत्साह बढ़ा था वह कम हो रहा है। इसके बावजूद जो भी वंचित हैं उन्हें हर हाल में टीका लगाने की सरकार की योजना पर स्वास्थ्यकर्मी काम कर रहे हैं। – डा.राजेशकुमार गुप्ता, आरसीएचओ

तीसरी लहर में नए वैरिएंट के बावजूद बीमारी की गंभीरता कम हुई। मौत बहुत कम हो गई। यह प्रमाण है कि टीका बहुत कारगर है। ऐसे मे जो भी वंचित हैं उन्हें हर हाल में वैक्सीनेशन पूरा करना चाहिए। जिन्हें बूस्टर डोज की जरूरत है वे भी पीछे नहीं रहें। – डॉ.परमेन्द्र सिरोही, सीनियर फिजिशियन एवं सुपरिंटेंडेंट पीबीएम

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