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बीकानेर,राजस्थान के चार हजार से ज्यादा डॉक्टर्स और नर्सिंग कर्मियों को राजस्थान सिविल सर्विस अपील ट्रिब्यूनल के एक आदेश के बाद राहत की सांस मिली है। वहीं, हेल्थ डिपार्टमेंट को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, अधिकरण ने हेल्थ डिपार्टमेंट के उस आदेश पर रोक लगा दी है। जिसमें राज्यभर में अधिशेष पदों पर काम कर रहे डॉक्टर्स व नर्सिंगकर्मियों को तुरंत कार्यमुक्त करने के आदेश थे। दरअसल, इस आदेश को ट्रांसफर करने का एक प्रोसेस मानते हुए रोक दिया गया है।

राजस्थान सिविल सर्विस अपील ट्रिब्यूनल ने चिकित्सा अधिकारी एएनएम नर्सिंग कर्मियों के स्थानांतरण पर रोक लगाई है। हेल्थ डिपोर्टमेंट ने 18 फरवरी को एक आदेश दिए थे कि राज्य मे सभी अधिशेष व पदविरुद्ध काम कर रहे डॉक्टर्स व नर्सिंग कर्मियों को कार्यमुक्त कर दिया जाए। इन डॉक्टर्स व नर्सिंगकर्मियों को संबंधित CMHO के समक्ष उपस्थिति के आदेश थे। इससे राज्य के एक् हज़ार् से भी ज्यादा डॉक्टर्स और तीन हजार से ज्यादा नर्सिंग कर्मी अपने कार्यस्थल को छोड़ने के लिए मजबूर थे। उम्मेद सिंह तंवर ने इस आदेश को अधिकरण में चुनौती दी। उमेद सिंह तंवर ने बताया कि राज्य सरकार ने स्थानांतरण पर प्रतिबंध होने के बावजूद स्थानांतरण करने को अवैध एवं अनुचित मानते हुए अपास्त किया है।

बिगड़ते अस्पतालों के हालात

बीकानेर सहित राज्यभर में इस आदेश को लागू करने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने की स्थिति बन रही थी। दरअसल, जिन अस्पतालों में पद स्वीकृत है लेकिन रोगी नहीं है, वहां से उन अस्पतालों में पदस्थापन किया गया था जहां आउटडोर ज्यादा है। बीकानेर के सेटेलाइट अस्पताल में ही एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टर्स इन दिनों डेपुटेशन पर है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी डॉक्टर्स डेपुटेशन पर काम कर रहे हैं। अगर सभी को हटाया जाता है तो इनकी हालत बिगड़ सकती है।

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