Trending Now












बीकानेर स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय ने श्साएन्स एंड हेरिटेज रिसर्च इनिशिएटिव प्रोजेक्ट संबंध में वर्चुअल प्लैटफ़ार्म पर आयोजित बैठक में भाग लिया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर.पी.सिंह ने इस प्रोजेक्ट के बारे में बताया की यह पारंपरिक कृषि प्रणाली और प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की क्षमता से संबंधित है। इसमें भाग लेने वाले संस्थान आईआईटी, न्यू दिल्ली, आईआईटी, जोधपुर, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली और एसकेआरएयू, बीकानेर है। 36 माह के प्रोजेक्ट की लागत रु 9.63 करोड़ है। निदेशक अनुसंधान डॉ पी एस शेखावत ने बताया की परियोजना दृष्टिकोण में अद्वितीय है, जिसमें विचार केवल दिखाने के लिए नहीं बल्कि प्राचीन तकनीक में जनशक्ति को प्रशिक्षित करने के लिए है। हमारी अगली पीढ़ी को अपने परिवेश को समझने के लिए वैज्ञानिक और तार्किक व्याख्या की जरूरत है। भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमारे क्षेत्र के समय-परीक्षणित विज्ञान और इंजीनियरिंग चमत्कार को संरक्षित, और प्रसार करने की बड़ी आवश्यकता है।

कृषि यंत्र व मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र बीकानेर के प्रभारी इंजी.विपिन लड्ढा ने प्रोजेक्ट की विस्तृत योजना के बारें में बताया की शुरू में राजस्थान में पारंपरिक कृषि प्रणाली और इसके संबद्ध क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और सफल संचालन के बाद भारत के अन्य हिस्सों में इसका चरणबद्ध विस्तार होगा। सीआरडीटी आईआईटी दिल्ली संस्थान भारतीय ज्ञान प्रणाली के अनुरूप कार्यक्रमों के माध्यम से परियोजना को आगे बढ़ाएंगे। भारतीय कृषि प्रौद्योगिकियों का एक संग्रहालय आईआईटीडी के ग्रामोदय परिसर में प्रदर्शित किया जाएगा। आधुनिक संदर्भ में प्रौद्योगिकियों में सुधार किया जाएगा और क्षमता निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत कई कार्य होंगे जैसे की आईआईटी दिल्ली में एक कृषि विरासत संग्रहालय जिसमें की पारंपरिक जल संसाधन प्रबंधन , पारंपरिक फसल प्रबंधन और पशुपालन, खेती के उपकरण और मशीनरी, अनाज की हैंडलिंग और भंडारण, ग्रामीण ऊर्जा प्रणाली आदि दर्शाएँ जाएंगे, विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों के भारतीय पारंपरिक कृषि प्रथाओं और इसके संबद्ध क्षेत्रों का एक विस्तृत डिजिटल डाटा तैयार करना, पारंपरिक कृषि ज्ञान प्रणालियों और प्रथाओं में जागरूकता पैदा करना और कृषि विज्ञान, प्रौद्योगिकी व कौशल विकास में युवाओं की क्षमता को बढ़ाना आदि।

Author