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बीकानेर  वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं पशुपालन विभाग, राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में फील्ड पशुचिकित्सकों के लिए 1 से 5 मार्च तक पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर पशुओं में रोग निदान एवं नियंत्रण विषय पर आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र में प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि फील्ड में कार्यरत पशुचिकित्सकों को विभिन्न रोग निदान एवं चिकित्सकीय कौशल की आवश्यकता पड़ती है ऐसे प्रशिक्षण समय समय पर आयोजित किये जाने चाहिए ताकि पशुचिकित्सकों की कौशल क्षमता का विकास हो सके साथ ही फील्ड में विभिन्न आवश्यकताओं को देखते हुए प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए। पशुपालन विभाग ऐसे विभिन्न क्षेत्रों को पहचाने एवं उसके अनुसार ही फील्ड चिकित्सकों को विश्वविद्यालय के माध्यम से प्रशिक्षण देवें ताकि क्षेत्र विशेष की आवश्यकता अनुसार कौशल क्षमता का पशुरोग निदान हेतु पूर्ण उपयोग हो सके। प्रशिक्षण कार्यक्रम में आमंत्रित विशिष्ट अतिथि डॉ. वीरेन्द्र नेत्रा, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, राजस्थान ने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से पशु चिकित्सकों को पशु इलाज हेतु विभिन्न नवाचारों एवं उन्नत तकनीकों को जानने का मौका मिलेगा जो कि उनके ज्ञान एवं कौशल विकास में सहायक सिद्ध होंगे। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि भारत सरकार की एस्केड परियोजना के अंर्तगत पशुपालन विभाग के बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू और हनुमानगढ़ जिलों के 20 पशुचिकित्सक भाग ले रहे हैं। इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण में विषय विशेषज्ञों द्वारा पशुओं में मेटाबॉलिक बीमारियां, रक्त एवं मूत्र जांच, रेडियोग्राफिक डायग्नोस्टिक तकनीक, विभिन्न नामूनों को एकत्र एवं जांच हेतु भेजने के तरीके, अल्ट्रासोनोग्राफिक तकनीक, रोग नियंत्रण की बायोटेक्नोलॉजिकल तकनीक, बायोसिक्यूरिटी उपाय, पोस्टमार्टम जांच, पशुजन्य रोगो से बचाव, बायोसेफ्टी लैब आदि विषयों पर 20 व्याख्यान के साथ साथ पशु फार्म एवं प्रयोगशाला भ्रमण आयोजित किये जायेगे। पांच दिवस के कुल तीन प्रशिक्षणों में 3 प्रशिक्षण बीकानेर में तथा एक एक प्रशिक्षण पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर एवं वेटरनरी कॉलेज, उदयपुर में आयोजित किये जायेंगे। इस अवसर पर प्रशिक्षण मैनुअल का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र में निदेशक क्लिनिक्स प्रो. जे.एस. मेहता एवं प्रशिक्षण सह-समन्वयक डॉ. दीपिका धूड़िया, डॉ. मनोहर सेन तथा डॉ. तरूणा भाटी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अशोक डांगी ने किया।

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