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जयपुर, देश के जाने—माने संस्कृतिकर्मी, कला आलोचक और साहित्य अकादमी के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित साहित्यकार डॉ. राजेश कुमार व्यास को मंगलवार को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने ‘राजस्थान गौरव’ अवार्ड से सम्मानित किया। संस्कृति युवा संस्था की ओर से प्रदत्त यह सम्मान डॉ. व्यास को  साहित्य, संस्कृति, कला के क्षेत्र में दिए उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया है।

डॉ. व्यास को भारतीय दृष्टि के मौलिक चिंतक, कला आलोचक के रूप में जाना जाता है। उनकी साहित्य की विविध विधाओं में अब तक 23 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। इनमें कला आलोचना की  ‘रंगनाद’,  ‘कलावाक्’, ‘भारतीय कला’,  ‘रस निरजंन’, यात्रा संस्मरण  ‘कश्मीर  से कन्याकुमारी’, ‘नर्मदे हर’ और ‘आंख भर उमंग’ बेहद चर्चित रही हैं।  केन्द्रीय ललित कला अकादेमी की पत्रिका ‘समकालीन कला’ का उन्होंने अतिथि सम्पादन  किया है। इसके अलावा दूरदर्शन के लोकप्रिय यात्रा वृतान्त धारावाहिक ‘डेजर्ट काॅलिंग’ का लेखन भी उन्होंने किया है।  उन्हें साहित्य अकादमी अवार्ड के अलावा भारत सरकार का प्रतिष्ठित ‘राहुल सांकृत्यायन’, राजस्थानी भाषा, संस्कृति एवं साहित्य अकादमी का उस्ताद गणेशीलाल व्यास पद्य पुरस्कार, पत्रकारिता का प्रतिष्ठित ‘माणक अलंकरण’ आदि बहुत से सम्मान समय—समय पर मिलते रहे हैं।  डॉ. व्यास वर्तमान में संयुक्त निदेशक, राज्यपाल, राजस्थान के पद पर कार्यरत हैं।

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