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बीकानेर,रशियन और यूक्रेनी में एक तरफ युद्ध चल रहा है। वहीं, इन दोनों देशों के जोड़े की बेटी इन दिनों बीकानेर में शांति के संदेश देती तस्वीर बना रही हैं। उसके पिता रशियन है और मां यूक्रेन की। दोनों की बीच कभी प्रेम हुआ और शादी कर ली। आज दोनों देशों के बीच युद्ध है, हर तरफ बमबारी है, बेकसूर मर रहे हैं। बीकानेर में पिछले दो दिन तक एक प्रोजेक्ट के तहत चित्रकारी कर रही एंटोनिना दोनों देशों के बीच के तनाव पर कुछ नहीं बोलना चाहती। लेकिन अच्छे दिनों के जल्द लौटने की उम्मीद करती हैं।

एंटानिनो ने बीकानेर के कचहरी परिसर और जूनागढ़ में दो दिन तक पेंटिंग्स बनाई। इन पेंटिंग्स में बीकानेर के रियासतकालीन कलेक्टरी परिसर और उस पर उड़ते शांति के प्रतीक सफेद कपोतों को केनवास पर उतारती रही। इस बीच जब उसे पता चला कि यूक्रेन और रूस में युद्ध हो गया तो उसकी चिंता बढ़ती चली गई। वो बताती है कि अभी रूस के सेंट पीटरबस में रहती हैं। वहीं उनकी मां भी रहती है। जो मूल रूप से यूक्रेन की है। वहां आना जाना है, रिश्तेदारी है। सिर्फ एंटानिनो के माता-पिता ही नहीं बल्कि उसके जैसे अनेक जोड़े हैं, जिसमें कहीं पति यूक्रेन से है। कहीं पत्नी यूक्रेन से हैं। ऐसे परिवार इस युद्ध के बाद संकट में है। आने वाले समय में एक दूसरे देश में जाने के क्या हालात होंगे, इस बारे में सोचकर ही एंटानिनो डर जाती है।घर वाले चिंता में स्वदेश बुलाया

एंटानिनो और उसके तीन दोस्त रूस से यहां एक चित्रकारी प्रोजेक्ट में आए हुए हैं। श्रेयांसी सिंह फाउंडेशन के इस प्रोजेक्ट को बीच में छोड़कर ही उसे वापस लौटना पड़ा। श्रेयांसी बताती है कि उसके परिजन परेशान हो रहे हैं कि देश में युद्ध चल रहा है और वो बाहर है। वहीं, एंटानिनो यहां इन सवालों के जवाब देते हुए तनाव में आ जाती है कि युद्ध के बाद उसके और उसके ननिहाल के रिश्तों पर क्या असर आएगा। वहीं उसे ये भी संकेत मिले कि युद्ध के चलते उनके बैंक ट्रांजेक्शन रुक सकते हैं। ऐसे में एंटोनिनो वापस दिल्ली लौट गई है, जहां से वो रूस जाएगी। उसके साथ उसके रूस की ही एलेक्जेंड्रा तरासोवा, अल्ला पोलकोवनिचेनकोव, एलेक्जेंड्रा फतेवा भी वापस रूस लौट गए हैं।

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