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बीकानेर,प्रदेशभर में पिछले १० दिन से प्रेगनेंसी चाइल्ड ट्रेकिंग एंड हैल्थ सर्विसेज मैनेजमेंट सिस्टम ठप पड़ा है, प्रसूताओं और नवजात बच्चों के डाटा साइट पर अपलोड नहीं हो रहे हैं। इससे काम प्रभावित हो रहा है। अकेले बीकानेर जिले की बात करें तो पिछले १० दिनों में करीब पौने तीन सौ से ज्यादा प्रसूताओं की जानकारी अपलोड नहीं की जा सकी है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में हर दिन १2५ से १38 डिलीवरी रोज हो रही है। वहीं हर दिन 200 से अधिक एएनसी कार्ड बन रहे हैं। सरकार की ओर से प्रसूताओं व बच्चों के टीकाकरण को लेकर चलने वाली विभिन्न योजनाओं व उनकी प्रगति की रिपोर्ट हर दिन सरकार को भेजी जाती है।

जिले में हर माह इतनी होती है डिलीवरी
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास् थ्य अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता ने बताय कि हर माह जिले में ५ हजार ९८० महिलाएं का एएनसी के लिए रजिस्ट्रेशन होता है। करीब चार हजार ८५० बच्चे पैदा होते हैं। इन प्रसूताओं और बच्चों का पूरा डाटा पीसीटीएस पर अपलोड किया जाता हैे। सरकार की ओर से मिले लक्ष्य में से अब तक दस महीने में एएनसी रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य ९४.१० प्रतिशत प्राप्त किया। एएनसी रजिस्ट्रेशन में बीकानेर जिले की प्रदेशभर में पांचवीं रेंक हैं। वही दस महीने में ४० हजार ८९९ सुरक्षित डिलीवरी कराई गई। सुरक्षित प्रसव कराने में बीकानेर जिला प्रदेश में दसवीं रेंक पर है।

हर माह ७2 से ७८ हजार बच्चे लेते है जन्म
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुमान के मुताबिक प्रदेशभर में एक महीने में ७2 से 7८ हजार महिलाओं का एएनसी के लिए रजिस्ट्रेशन होता है। वहीं ५९ से ६० हजार बच्चे जन्म लेते हैं। सुरक्षित प्रसव के मामले में प्रदेश का प्रतिशत ७० प्रतिशत है।

यह जानकारी होती है अपलोड
प्रेगनेंसी चाइल्ड ट्रेकिंग एंड हैल्थ सर्विसेज मैनेजमेंट सिस्टम में एएनसी जांच, डिलीवरी, एचबीपीएनसी, टीकाकरण व बीपीएल महिलाओं को घी वितरण की डिटेल अपलोड की जाती है। इनमें महिलाओं व नवजात शिशुओं से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी देने के साथ-साथ सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओं की प्रगति रिपोर्ट होती है। साइट बंद होने से काम प्रभावित हो रहा है। बाद में अपलोड के कार्य मेंं अनावश्यक देरी होगी।

प्रसूताओं को भुगतान में होगी देरी
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कार्मिकों की मानें तो पीसीटीएस में प्रसूता, डिलीवरी, नवजात व टीकाकरण संबंधी जानकारी अपलोड नहीं होने से प्रसुताओं को जननी सुरक्षा और राजश्री योजना के तहत होने वाला भुगतान समय पर नहीं हो सकेगा। इतना ही नहीं आशाओं के मानदेय में भी देरी होगी।

साइट मेटीनेंस का चल रहा काम
पीसीटीएस साइट को अपग्रेड किया जा रहा है। जयपुर से साइट के मेंटीनेंस का काम चल रहा है, जिस वजह से साइट बंद है। एक-दो दिन में फिर से साइट शुरू हो जाएगी। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कर्मचारी जरूरी काम मोबाइल से निबटा रहे हैं।
डॉ. बीएल मीणा, सीएचएचओ

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