
नई दिल्ली। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने रविवार को कहा कि दक्षिणपश्चिम मानसून एक विराम के बाद एक बार फिर सक्रिय चरण में जाने के लिये तैयार है और पूर्वानुमान मॉडल के संकेत दर्शाते हैं कि आठ जुलाई से बारिश संबंधी गतिविधियां तेज होंगी। उन्होंने कहा कि प्रारूपों में बंगाल की खाड़ी में मौसम तंत्र बनने का संकेत है। करीब तीन दशकों से दक्षिणपश्चिम मानसून पर अनुसंधान कर रहे राजीवन ने ट्वीट किया, “मानसून अपडेट : भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के प्रारूप आठ जुलाई से दक्षिण, पश्चिम तटीय और पूर्व मध्य भारत में बारिश संबंधी गतिविधियों की वापसी, वृद्धि का संकेत देते हैं। प्रारूप 12 जुलाई को बंगाल की खाड़ी के ऊपर मौसम तंत्र बनने और उसके बाद सक्रिय मानसून चरण के शुरुआती संकेत भी दे रहे हैं।” जून के शुरुआती ढाई हफ्तों में बारिश के अच्छे दौर के बाद 19 जून से दक्षिणपश्चिम मानसून आगे नहीं बढ़ा है। दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पंजाब और पश्चिमी राजस्थान में अब तक मानसून नहीं पहुंचा है। जुलाई के लिये अपने पूर्वानुमान में भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि कुल मिलाकर इस महीने देशभर में अच्छी बारिश होगी। हालांकि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों, दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य और सामान्य से कम श्रेणी की बारिश देखने को मिल सकती है।विभाग ने कहा कि मौसम तंत्र के अभाव में सात जुलाई तक मानसून की प्रगति के लिये अनुकूल परिस्थितियां नहीं हैं। आईएमडी ने कहा दक्षिणपश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) फिलहाल अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से गुजर रही है। आईएमडी ने कहा, “मौसम की मौजूदा स्थिति, बड़े पैमाने पर वायुंडलीय विशेषताएं और गतिशील मॉडल से हवा के रुख के पैटर्न को देखते हुए दक्षिणपश्चिम मानसून के अगले चार-पांच दिनों में राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब के बचे हुए हिस्सों में आगे बढ़ने के लिये कोई अनुकूल स्थितियां नहीं हैं।” इसलिये उत्तरपश्चिम, मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के पश्चिमी हिस्सों में अगले चार-पांच दिनों तक कम बारिश की स्थिति बनी रहेगी। TAGSNEW DELHI MINISTRY OF SCIENCE SECRETARY M RAJEEVAN JULY 8 RAIN RAIPUR NEWS CHHATTISGARH NEWS