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जयपुर,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि कोरोना से ग्रसित होने के संबंध में यदि कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराया जाता है तो मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के अन्र्तगत विभाग द्वारा सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा रही है।

जूली ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत कुल 111.74 करोड़ रुपये का भुगतान विधवा महिलाओं एवं 18 वर्ष से कम आयु के अनाथ बच्चों को किया गया। योजना के अन्र्तगत राज्य के कुल 15 हजार 564 लोग लाभान्वित हुए है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लाभार्थी के पास कोरोना से ग्रसित हुए व्यक्ति द्वारा इस संबंध में कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराने पर कोरोना की सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा रही है।

उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा केन्द्र सरकार को फटकार लगाई गई थी कि वे कोरोना से प्रभावित आश्रितों को सहायता उपलब्ध करवाएं, जिस पर केन्द्र सरकार ने 50 हजार की राशि प्रभावितों के लिए स्वीकृत की थी, उसमें भी केन्द्र सरकार का 75 प्रतिशत अंश तथा राज्य सरकार का 25 प्रतिशत अंश था। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले ही राज्य सरकार द्वारा कोरोना आश्रितों के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना शुरु कर दी गई थी तथा ये योजना पूर्ण रुप से राज्य सरकार द्वारा ही चलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि राजस्थान इस तरह की योजना शुरु करने वाला पहला राज्य है।

जूली ने बताया कि विभाग द्वारा योजना के लाभार्थियों के लिए घर- घर जाकर आवेदन करवाया जा रहा है। विभाग द्वारा स्वप्रेरित संज्ञान लेकर, सीएमएचओ की रिपोर्ट पर, एसडीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट पर तथा नगर निगम द्वारा किए गए दाह संस्कार के दस्तावेज के आधार पर कोरोना प्रभावितों को सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा रही है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने इससे पहले विधायक नारायण सिंह देवल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि राज्य सरकार द्वारा कोविड 19 महामारी के कारण राज्य में 18 वर्ष से कम आयु के अनाथ हुए प्रत्येक बच्चों तथा विधवा महिलाओं को मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजनान्तर्गत सहायता राशि दिये जाने हेतु प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि योजनान्र्तगत प्रत्येक अनाथ बच्चे को तथा विधवा महिला को तात्कालिक सहायता के रूप में राशि रुपए एक लाख दिये जाते। उन्होंने बताया कि प्रत्येक अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक 2500/- रुपए प्रतिमाह सहायता दी जा रही है तथा 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर 5 लाख रूपये देय है।

इसी प्रकार योजना के अनुसार विधवा महिला को आजीवन 1500/- रुपये मासिक पेंशन तथा विधवा महिला के बच्चों को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 1000 रुपए प्रतिमाह देय है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक अनाथ बच्चे तथा विधवा महिलाओं के बच्चों को विद्यालय पोशाक, पाठ्य पुस्तकें आदि हेतु 2000 रुपए प्रति बालक अथवा बालिका एकमुश्त वार्षिक अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा।

उन्होंने विधानसभा क्षेत्र रानीवाड़ा में कोरोना काल में दिवंगत हुए व्यक्तियों का तहसीलवार विवरण सदन के पटल पर रखते हुए बताया कि विधानसभा क्षेत्र रानीवाडा में राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजनान्तर्गत विधवा महिलाओं को 1.00 लाख रुपये एकमुश्त व 1500 रुपये प्रतिमाह आजीवन पेंशन तथा उनके 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को 1000 रुपये प्रतिमाह सहायता एवं केन्द्र सरकार द्वारा संचालित कोविड 19 अनुग्रह सहायता योजनान्तर्गत दिवंगत हुये लोगों के आश्रित अथवा परिजन को 50 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता राशि के लाभ दिये गये। उन्होंने तहसीलवार विवरण सदन के पटल पर रखा।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा दिवंगत लोगो के आश्रितों को कोविड-19 में हुई मृत्यु पर अनुग्रह सहायता राशि के अन्तर्गत 50000/- रुपये मृतक के आश्रित/परिजन को प्रति मृतक अनुसार लाभ दिया जा रहा है, जिसमें 75 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार व 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जा रही है। इसके अन्तर्गत 10461 आवेदकाें को (केन्द्र सरकार 39,22,87,500 रुपये एवं राज्य सरकार 13,07,62,500 रुपये) कुल राशि 52,30,50,000 रूपये (अक्षरे राशि बावन करोड तीस लाख पचास हजार रुपये) का भुगतान किया जा चुका है। योजनान्तर्गत ई-मित्र पोर्टल पर आवेदन करने पर सम्बन्धित जिला कलक्टर्स के द्वारा जांच उपरान्त भुगतान किया जा रहा है।

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