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बीकानेर,दो साल के लंबे अंतराल के बाद स्कूल फिर से खुल चुके हैं। बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है। पांचवी और आठवीं बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी चल रही है। लेकिन इस दो साल के लंबे अंतराल के चलते बच्चे पढ़ाई में पूरी तरह से पिछड़ चुके हैं। क्लास में बच्चे सब्जेक्ट पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं। हालात यह है कि पांचवी का बच्चा तीसरी के मैथ्स के सवाल हल नहीं कर पा रहा है। स्टूडेंट्स में लीडरशिप के गुण गायब है। एससीईआरटी उदयपुर की ओर से स्टूडेंट्स के लर्निंग लॉस को लेकर करवाए गए सर्वे में प्रदेश के 40 हजार शिक्षकों ने अपना फीडबैक दिया, जिसमें यह खुलासा हुआ है।

प्रदेश के 40 हजार शिक्षकों के फीडबैक के आधार पर अब शिक्षा विभाग और एससीईआरटी उदयपुर बच्चों के लर्निंग लॉस की रिकवरी के लिए नए सिरे से रोडमैप तैयार करेगा। उधर, शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में अब सीधे बच्चों का फीडबैक लेने का फैसला किया है। बाकायदा इसके लिए शिक्षा निदेशालय स्तर से जिलेवार 33 शिक्षा अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जिलेवार नियुक्त यह जिला प्रभारी प्रत्येक जिले में पहुंच कर पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं से पहले बच्चों से लर्निंग लॉस को लेकर फीडबैक लेंगे। इसी फीडबैक के आधार पर आगामी रोड मैप तैयार होगा।

हरियाणा में 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा नहीं करवाने का फैसला, राजस्थान में इन दोनों कक्षाओं की होगी परीक्षा
कोरोना के चलते पूरे देश में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। हरियाणा सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए पांचवी और आठवीं के बच्चों की परीक्षा नहीं करवाने का फैसला लिया है।उधर, राजस्थान में फिलहाल ऐसी कोई हलचल नहीं है। शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के कारण वैसे ही बच्चों का काफी लर्निंग लॉस हुआ है। बच्चों को फिर से मुख्यधारा में जोड़ने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। यदि परीक्षा नहीं हुई तो बच्चों का नुकसान होगा।

5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा में अभी समय है। शिक्षा निदेशालय स्तर पर स्टूडेंट्स और टीचर से फीडबैक लिया जा रहा है। उसके आधार पर लर्निंग लॉस को दूर करने के लिए आगामी योजना बनाई जाएगी। – कानाराम, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा
सर्वे में यह हुआ खुलासा

5वी कक्षा में पढ़ने वाले अधिकांश स्टूडेंट्स की भाषा वह गणितीय दक्षता अभी तक कक्षा तीसरी के स्तर की है।
स्टूडेंट्स में ध्यान केंद्रीयकरण और सीखने की रुचि नहीं
अधिकांश स्टूडेंट्स में लीडरशिप का गुण खत्म, टीचर से सवाल करने में संकोच होमवर्क करने से जी चुरा रहे हैं स्टूडेंट्स लर्निंग लॉस को दूर करने के लिए प्रयास
ब्रिज कोर्स : पिछली दो क्लास के इंपॉर्टेंट टॉपिक को सम्मिलित करते हुए कक्षा के पहले दो पीरियड में वर्क बुक से पढाई
बैक टू स्कूल : बैक टू स्कूल कार्यक्रम के तहत बच्चों के अलग-अलग ग्रुप बनाएं। कठिन विषयों में उपचारात्मक शिक्षण भी दिया जा रहा है।
डिजिटल पढ़ाई : कोरोना जब स्कूल बंद थे तो स्टूडेंट्स को स्माइल, आओ घर में सीखे, ई-कक्षा के जरिए ऑनलाइन स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराया गया।
सप्ताहिक क्विज : हर शनिवार को सप्ताह भर की डिजिटल स्टडी के आधार पर सप्ताहिक क्विज लेना।

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