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बीकानेर। श्रीडूंगरगढ़ की प्राचीन शैक्षणिक संस्था बालभारती के वयोवृद्ध शिक्षक एवं प्राचार्य रहे श्री रमेशचंद्र सक्सेना का उनके शिष्य समुदाय द्वारा रविवार को राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति के प्रांगण में भव्य नागरिक अभिनंदन किया गया।

नगर की सभी प्रतिष्ठित संस्थाओं के पदाधिकारियों तथा प्रतिनिधियों ने गुरुजी का भावभीना सम्मान किया। इस दौरान उनके शिष्य समुदाय ने उन्हें तीन लाख रुपये से अधिक की राशि समर्पित की। उल्लेखनीय है कि रमेशचंद्र सक्सेना ने अपना संपूर्ण जीवन शिक्षा को ही प्रदान किया। उनके सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पूर्व प्रधान दानाराम भांबू ने कहा कि वह धरती पुण्यवान है, जहां गुरु का सम्मान किया जाता है। एक गुरु को हम कुछ भी वापस नहीं लौटा सकते। उनके प्रति सदैव कृतज्ञता का भाव बना रहना चाहिए। यही गुरु भक्ति है। 85 वर्षीय रमेशचंद्र सक्सेना का ऐसा सम्मान समूचे श्रीडूंगरगढ़ की धरती के लिए अत्यधिक गौरव का विषय है। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्याम महर्षि ने कहा कि श्रीडूंगरगढ़ में गुणीजनों का सम्मान किया जाना एक आदर्श परंपरा रही है, और उस परंपरा का निर्वाह आज किया जा रहा है। रमेश चंद्र सक्सेना अत्यंत आत्म संतोषी व्यक्ति रहे हैं, उन्होंने अध्यापन को कभी भी जीविकोपार्जन का पेशा भर नहीं माना बल्कि वे एक सुंदर अध्यापन परंपरा का निर्माण करना चाहते थे। मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश राठी ने कहा की श्रीडूंगरगढ़ में सम्मान की परंपरा बहुत प्राचीन रही है। पूर्व में भी यहां अनेक गुरुजन का नागरिक अभिनंदन किया जा चुका है। गुणीजन सम्मान समारोह समिति के अध्यक्ष लॉयन महावीर माली ने कहा कि रमेश चंद्र सक्सेना संपूर्ण शिक्षक समुदाय के प्रेरणा स्रोत रहे हैं, उन्होंने कभी भी इस बात की परवाह नहीं की कि वे कितना समय शिष्यों को शिक्षित करने में दे रहे हैं। ऐसी लगन हर एक शिक्षक में होनी चाहिए। इस अवसर पर हरि प्रसाद शर्मा, ओम प्रकाश गांधी, रूपचंद सोनी, लीलाधर शर्मा,सुशील सेरड़िया, रामचंद्र राठी, विजय महर्षि, सत्यदीप, बजरंग शर्मा, विमल भाटी आदि ने भी अपने विचार प्रकट किए। गुणीजन सम्मान समारोह समिति के संयोजक डाॅ चेतन स्वामी ने समूचे आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि श्रीडूंगरगढ़ के गणमान्य जनों ने इस आयोजन की पूरी व्यवस्था मात्र एक सप्ताह में ही पूरी कर डाली और 120 शिष्यों ने अपना योगदान प्रदान किया। बाल भारती के पूर्व शिष्य देश विदेश में बहुत अच्छे पदों पर कार्यरत हैं तथा इस कार्यक्रम वे सभी वर्चुअल रूप में शामिल रहे। सामाजिक कार्यकर्ता हरिशंकर बाहेती तथा मीनू बल्देवा ने अपने विचार वर्चुअल प्रकट किए। नागरिक अभिनंदन करनेवाली संस्थाओं में तुलसी सेवा संस्थान, तुलसी महाप्रज्ञ साधना केंद्र, श्रीडूंगरगढ़ महाविद्यालय, सेसोमूं महाविद्यालय, लायंस क्लब, बाल भारती स्कूल, राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति, महापुरुष समारोह समिति, श्रीकृष्ण गौशाला, गोपाल गौशाला, जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, ओसवाल पंचायत, मरुभूमि शोध संस्थान, नागरिक विकास परिषद तथा बार एसोसिएशन प्रमुख रहीं इन संस्थाओं के पदाधिकारियों ने शाॅल ओढ़ाकर तथा माला पहनाकर सम्मान किया। डॉक्टर कमल छाजेड़ ने रमेशचंद्र सक्सेना को इक्यावन हजार रुपये की राशि प्रदान की। समारोह का सुंदर संचालन साहित्यकार रवि पुरोहित ने किया।

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