जयपुर/बीकानेर, 23 फरवरी। शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि विधानसभा में पेश किया गया राज्य बजट ऐतिहासिक है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए प्रदेश की जनता के समक्ष शानदार व लोककल्याणकारी बजट पेश किया है। बजट में सभी वर्गों के हितों को समाहित कर जनभावनाओं को सम्मान दिया गया है व प्रदेश के 7 करोड़ निवासियों की प्रमुख मांगों एवं विकास कार्यों को पूरा करने का कार्य किया है।
डॉ. कल्ला ने कहा कि शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा-स्वास्थ्य, कृषि, पेयजल, औद्योगिक व आधारभूत ढांचे के विकास को ध्यान मे रखते हुए जो बजट प्रस्तुत किया गया है, वह प्रदेशवासियों और राज्य को प्रगति प्रदान करेगा। प्रदेश को विकास के पथ पर अग्रणी बनाने के लिए जनहित को सर्वोपरि रखकर इस सर्वसमावेशी व विकासोन्मुखी बजट में घोषणाएं की गई हैं। रीट परीक्षार्थियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री ने गोपनीयता भंग होने के कारण रद्द हुई रीट भर्ती को जुलाई में पुन: करवाने, परीक्षा दे चुके अभ्यर्थियों से आवेदन शुल्क ना लेने व पदों की संख्या बढ़ाकर 62000 करने की व भविष्य में नक़ल रोकने हेतु एंटी चीटिंग सेल का गठन करने की घोषणा की है। डॉ. कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट भाषण में राजस्थान के गांवों और शहरों में 2000 नए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, इन विद्यालयों में 10,000 नए अध्यापकों की भर्ती, बालिका शिक्षा के उत्थान हेतु बालिका आवासीय विद्यालयों का निर्माण, रेगिस्तानी जिलों में 200 विद्यालयों के निर्माण, छात्राओं को समीपस्थ स्थानों पर शिक्षा सुलभ कराने हेतु विद्यालयों का क्रमोन्नयन व आधारभूत ढांचे का विकास, 200 करोड़ की लागत से 3800 कक्षा कमरों, पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं, आर्ट् एवं क्राफ्ट, कंप्यूटर कक्षों के निर्माण का प्रावधान किया गया है। डॉ कल्ला ने बताया कि जयपुर में 250 करोड़ की लागत से एजुकेशन हब का निर्माण, कोरोना में हुए लर्निंग लॉस को कम करने हेतु नि:शुल्क ब्रिजकोर्स का संचालन, नए जनजातीय आवासीय विद्यालयों का निर्माण, सावित्रीबाई फुले बालिका छात्रावास के निर्माण, अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं हेतु आवासीय विद्यालयों का निर्माण तथा पंजीकृत मदरसों में स्मार्ट क्लासरूम की घोषणा प्रदेश सरकार की सभी विद्यार्थियों के कल्याण हेतु प्रतिबद्धता का परिचायक है। साथ ही 3820 विद्यालयों का सीनियर सेकेंडरी में क्रमोन्नयन, ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा। कोरोना काल में महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त जनता को राहत पहुंचाने हेतु बिजली के बिलों पर 4500 करोड़ का अनुदान, 2004 से बंद पड़ी पेंशन स्कीम का पुन: संचालन, सरकारी अस्पतालों में इलाज निशुल्क करने की घोषणा, शहरों में 800 करोड़ की लागत से इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करने की घोषणा, मनरेगा में 100 से बढ़ाकर 125 दिन का रोजगार देने की घोषणा तथा आगामी समय में एक लाख भर्तियां निकालने व संविदाकर्मियों का वेतन बढ़ाने की घोषणा राज्य सरकार की जनकल्याण हेतु प्रतिबद्धता का घोतक है। एससीएसटी विकास कोष की राशि बढ़ाकर 500 करोड़ करने व ईडब्ल्यूएस कोष की स्थापना कर माननीय मुख्यमंत्री ने सामाजिक न्याय का अनूठा उदाहरण पेश किया है। इंदिरा रसोईयों की संख्या बढ़ाकर मुख्यमंत्री ने कोई भूखा ना सोए के संकल्प को पूरा करने का कार्य किया है। 32 नए औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण तथा सड़क मार्गों के निर्माण की घोषणा से प्रदेश की आर्थिक तरक्की के मार्ग प्रशस्त करने का कार्य माननीय मुख्यमंत्री ने किया है। साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक पृथक कृषि बजट बनाकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कृषि आश्रित 85 लाख परिवारों का सम्मान किया है। प्रदेश के लघु व सीमांत किसानों मुफ्त बीज देने, ग्रीन हाउस बनाने हेतु 400 करोड़ का अनुदान, फसल भण्डारण हेतु अनुदान, सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत 2700 करोड़ की राशि का अनुदान, कृषक साथी योजना की राशि में 5000 करोड़ की वृद्धि करके, जैविकखेती मिशन के तहत 600 करोड़ का प्रावधान, संरक्षित खेती मिशन के तहत 400 करोड़ का अनुदान, कृषि संबंधित योजनाओं को मिशन के रूप में संचालित करने की घोषणा करके माननीय मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अन्नदाताओं की आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया है।