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बीकानेर,राजस्थान सरकार द्वारा गोचर भूमि में कब्जा धारियों को पट्टे जारी करने के निर्णय के विरोध में पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरना गोचर भूमि पर पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी के सानिध्य”एवं “मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान एवं संत मनुजी महाराज के संयोजन में गोचरधाम मे “गौकथा व श्रीमद्भागवतगीता का वाचन बालसंत श्रीछैल विहारी जी महाराज के मुखारविंद द्वारा किया जा रहा है,।”आज श्रीगोकथा एवं श्रीमद्भगवद्गीता पुजन मंजुदेवी शिवशंकर किराङु पं रवि सारस्वत ने करवाया”।सातवे दिवस की कथा में श्रीमद्भागवत गोकथा व गीतासार के तहत वाचन करते हुए बालसंत श्रीछैल विहारी ने उसके साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग में बैद्यनाथ नागेश्वर रामेश्वरम केदारनाथ विश्वेश्वर घुश्मेश्वर आदि ज्योतिर्लिंगों की विस्तृत व्याख्या की।गौमाता एवं अष्टावक्र महागीता एवं शिव कथा प्रसंग बतलाते हुए द्वादश ज्योतिर्लिंगों की प्रकट होने के संपूर्ण वृतांत बतलाए। किस प्रकार भगवान अर्जुन के मनसे मोह को समाप्त कर वीरता पूर्वक युद्ध करने के प्रसंग श्रीमदभगवत गीता के द्वारा बताएं।और कहा आत्मा अजरअमर है। तत्पश्चात बालसंत द्वारा राजा बहुलाश्व एवं श्रुतदेव पर कृपा की कथा ओर वेदों द्वारा भगवान की स्तुति,ओर वेदो के व्याख्यान, मप्रकृति पुरुष संवाद, कृष्ण रुक्मणी संवाद, एवं शिव शक्ति प्रसंग को अपनी ओजस्वी वाणी से बाल संत श्रीछैलबिहारी जी महाराज द्वारा द्वारा सुनाया गया।तत्पश्चात गौ माता की कथा की व्याख्या करते हुए बताया अतः प्रत्येक जीव गाय की सेवा करें। एवं गीता का अनुसरण करें। तत्पश्चात श्रीमद्भगवद्गीता एवं गो कथा आठवें दिन की कथा में गाय के लिए गोचर संरक्षण एवं संवर्धन की महत्ता के बारे में बताया।की प्रत्येक जीवात्मा के जीवन मैं होने वाले संपूर्ण मांगलिक कार्य बिना गाय के और बिना पंचगव्य के संभव नहीं है। वैदिक सनातन संस्कृति में पंचगव्य समारे समस्त मांगलिक कार्यो में काम आते हैं ।और यह सब गौ माता से जुड़े हुए हैं। लेकिन अगर हम जीवन में जो माता की दुर्दशा पर और उसके संवर्धन का ख्याल नहीं रखेंगे। और अगर समय रहते गायपालन और गोचर संरक्षण के प्रति नहीं चेते।तो संपूर्ण मानवता दुष्प्रवृत्ति एवं विनाश की ओर चली जाएगी। धरती पर जब तक गांव है गाय है तब तक ही सनातन संस्कृति का बोलबाला है।”बगैर गाय के मानव सभ्यता व सनातन संस्कृति का कोई अस्तित्व नहीं”(कथा प्रभारी देवकिशन चांडक देवश्री) ने बताया।कि गाय के गोचर के लिए अगर प्राणों की बलि भी देनी पड़े तो भी गाय और गोचर के लिए सदैव खड़े रहना प्रत्येक प्राणी का संकल्प होना चाहिए । देवी सिंह भाटी का गाय के संवर्धन हेतु अनिश्चितकालीन धरना सबसे बड़ा सनातन संस्कृति का सर्वश्रेष्ठ अनुष्ठान है।प्रत्येक शहरी ग्रामीण हर गो भक्तों को इसमें अपने तन मन धन से आहुति देकर सम्मिलित होना इस पुनीत अनुष्ठान की शोभा बढ़ाता है। आज शाम की कथा विश्राम समय में पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी द्वारा घरेलू नुस्खा से हम कैसे उपचार कर शीघ्र स्वस्थ हो सकते हैं,के द्वारा विभिन्न प्रकार के घरेलू नुस्खे एवं रोगों के उपचार बतलाए। कथा सेवा में अंशुमान सिंह भाटी गोगी बन्ना देवकिशन चांडक देवश्री रामकिशन आचार्य सुनील कुमार बांठिया दिनेश कुमार भूरमल सोनी मालचंद कमल किशोर पारीक नितेश वासुदेव कुणाल सीमा पुरोहित वासुदेव जाजड़ा संजय बजरंग जोशी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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