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बीकानेर: राजस्थान का रहने वाला श्यामसुंदर स्वामी का जन्म 31 दिसंबर 1996 बीकानेर जिले की कोलायत तहसील के भोलासर गांव में हुआ है स्वामी बहुत ही गरीब परिवार से है। पिताजी बस स्टैंड पर सब्जी का ठेला लगाते हैं और माताजी ग्रहणी है एक भाई भी है जो बचपन से ही विकलांग है स्वामी की माली हालत ठीक नहीं होने की वजह से पिताजी ने ब्याज पर पैसे लेकर सब्जी का ठेला लगाया और रात दिन एक कर सब्जी बेचकर श्याम सुंदर के लिए उपकरणों की व्यवस्था की घर के पास ग्राउंड होने की वजह से स्वामी वहां तीरंदाजी सीखने जाता था श्यामसुंदर स्वामी लगातार नेशनल प्रशिक्षक अनिल जोशी के सानिध्य में तीरंदाजी खेल में आगे बढ़ रहे हैं पहले स्वामी लकड़ी के धनुष से तीरंदाजी किया करता था लेकिन राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आने के लिए आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता होती है जिसका इंतजाम करना उसके पिताजी के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं था लेकिन जैसे तैसे करके उन्होंने इंतजाम कर दिया और स्वामी ने मैं पैरा नेशनल चैंपियनशिप में चैंपियन भी रहा साथ ही साथ में लगातार तीन बार पैरा तीरंदाजी नेशनल चैंपियन में राजस्थान की तरफ से खेलते हुए टूर्नामेंट का चैंपियन रहा स्वर्ण पदक हासिल किया तत्पश्चात लगातार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले रहा है और धीरे-धीरे देश को पदक दिलाने के लिए मेहनत कर रहा है इससे पहले स्वामी पिताजी का सहयोग करता था और सब्जी के ठेले पर जाता था लेकिन पिताजी ने उसे ठेले पर आने से मना कर दिया और कहा कि तुम तीरंदाजी करो और देश के लिए पदक लाओ श्याम सुंदर के पिताजी आज भी सब्जी बेचते हैं और स्वामी देश के लिए मेहनत कर रहा है उसके लिए गर्व की बात है राजस्थान तीरंदाजी का पहला पैरा ओलंपिक बन रहा है और अभी भारत के लिए टोक्यो पैरा ओलंपिक में में देश की तरफ से प्रतिनिधित्व करेगा।

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