Trending Now




खाजूवाला (बीकानेर), राजस्थान र सरकार का पहला कृषि बजट में बुधवार को आ रहा है। प्रदेश के कृषि ह प्रधान श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के साथ बीकानेर भी जुड़ गया है। इंदिरा नौ गांधी नहर परियोजना का पानी अब भारत-पाकिस्तान बॉर्डर तक रेतीले द्र धोरों को समतल कर सरसब्ज कर तस्वीर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर की है। तारबंदी के इस तरफ हरे-भरे खेत हैं तो दूसरी तरफ बंजर जमीन दिख रही है। ता रहा है। खेती से खुशहाल राजस्थान का नजारा भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भी दिखता है। जहां तारबंदी के इस तरफ हरे-भरे खेतों में लहलहाती फसलें नजर आ रही है। वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में ऊंचे रेत के टीले और बजर जमीन पर सूखे झाड़-झंखाड़ ही दिखाई पड़ते हैं।

पाकिस्तान से प्रदेश की 1037 न्य किलोमीटर लम्बी सीमा लगती है। न नब्बे के दशक में जब बॉर्डर पर तारबंदी की गई, अधिकांश इलाका रेगिस्तानी धोरों वाला था। पंजाब के बाद राजस्थान में पश्चिमी सीमा पर श्रीगंगानगर जिले का महज 50-60 रायसिंहनगर, किमी तक का क्षेत्र ही समतल था। जहां गंगनहर परियोजना का पानी खेतों तक पहुंच रहा था। इसके बाद रायसिंहनगर अनूपगढ़ व खाजूवाला में नहरी पानी पहुंच तो रहा था लेकिन बॉर्डर के नजदीक रेतीला और अनकमांड एरिया ही था ।

सीमावर्ती किसान पुरुषोतम सारस्वत कहते हैं कि सीमावर्ती किसान पंजाब में बॉर्डर पर खेती करने वाले किसान को एक हजार रुपए प्रति एकड़ सालाना की दर से मुआवजा दिया जाता है। हालांकि यह मुआवजा तारबंदी के अंदर आई जमीन के किसानों को ही मिलता है। राजस्थान सरकार को भी कृषि बजट में विषम परिस्थितियों में बॉर्डर पर खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ सालाना मुआवजा देना चाहिए।

श्रीगंगानगर जिले से लगते 211 श्रीगंगानगर जिले से लगते बॉर्डर किलोमीटर और बीकानेर से लगते 160 किमी लम्बे बॉर्डर पर अब भौगोलिक स्थिति बदली नजर आने जमीन पर भी किसान खेती करते लगी है। पहले रेतीले टीले होने से बीएसएफ को ऊंटों पर गश्त करनी पड़ती थी। अब किसानों ने पसीना व बहाकर जमीन को समतल कर दिया है। पानी मिलने से लगातार खेती होने से अब गेहूं और सरसों बुवाई हो रही है।

और बीकानेर जिले के कुछ हिस्से में तारबंदी के पार की भारतीय है। तारबंदी में गेट लगे हुए है। जहां से सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे के बीच किसानों को जाने दिया जाता है। तारबंदी और जीरो भारत-पाकिस्तान को विभाजन करने वाली लाइन के बीच करीब पांच सौ मीटर भूमि भारत की है।

Author