बीकानेर,नोखा नगर पालिका पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। पालिका के खिलाफ कोर्ट में आज एक और दावा लगा है। अधिवक्ता विनायक चितलांगी व रवैल भारतीय के अनुसार परिवादी ने आरोप लगाया है कि पालिका लंबे समय से बगैर ट्रीटमेंट के ही सीवरेज का गंदा जल वार्ड 41-42 के क्षेत्र में फैला रही है। जहां यह गंदा जल छोड़ा जाता है उसके आसपास करीब 2000 परिवार निवास करते हैं। सीवरेज के गंदे जल की वजह से इन परिवारों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
परिवादी ने क्षतिपूर्ति के रूप में सभी 2000 परिवारों को दो हजार रूपए प्रति माह प्रति परिवार के हिसाब से दिलवाने की अपील की है। यह क्षतिपूर्ति 2011 से अब तक के लिए मांगी गई है। ऐसे में पालिका को 50 करोड़ से अधिक का चूना लग सकता है।
बता दें कि नोखा वासी लंबे समय से अनुपचारित सीवरेज जल के फैलाव से परेशान हैं। इस मामले में एनजीटी ने पालिका पर 50 लाख का जुर्माना लगाया था, जो उसे जमा करवाना पड़ा। इसके अतिरिक्त राजस्थान राज्य प्रदूषण बोर्ड ने सवा दो करोड़ का जुर्माना लगाया, जिसे लेकर पालिका सरकार की शरण में है। वहीं बीकानेर कोर्ट में 22 लोग पहले ही 10-10 लाख की क्षतिपूर्ति का दावा लगा चुके। अब यह दावा भी लग गया है। सवाल यह है कि आखिर पालिका कब नोखा के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील बनेगी।