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पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर निर्भरता घटाने के लिए जैव ईंधनों को अपनाए जाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने पिछले आठ सालों के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों में इथेनॉल के मिश्रण का स्तर दो प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत के आसपास पहुंचा दिया है. मोदी इंदौर में 150 करोड़ रुपये की लागत से बने बायो-सीएनजी संयंत्र गोबर-धन के लोकार्पण समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे.

 

इसे प्रदेश सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र से निकलने वाले गीले कचरे से बायो-सीएनजी बनाने की एशिया की सबसे बड़ी इकाई बताया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें पेट्रोलियम पदार्थों के आयात के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन हमारे पास इथेनॉल सरीखे जैव ईंधन बनाने के पर्याप्त संसाधन बरसों से उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जैव ईंधन बनाने की नयी तकनीकी के इस्तेमाल पर खास जोर दिया है. देश में सात-आठ साल पहले पेट्रोलियम उत्पादों में जैव ईंधन के रूप में इथेनॉल के मिश्रण का स्तर एक से दो प्रतिशत पर रुका हुआ था, जिसे हमने बढ़ाकर आठ प्रतिशत के आसपास पहुंचा दिया है.

 

मोदी ने कहा कि पिछले आठ सालों में पेट्रोलियम उत्पादों में मिलाए जाने के लिए इथेनॉल की आपूर्ति को भी काफी बढ़ाया गया है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से पहले देश में पेट्रोलियम उत्पादों में मिलाए जाने के लिए करीब 40 करोड़ लीटर इथेनॉल की आपूर्ति की जाती थी, जिसे हमने बढ़ाकर 300 करोड़ लीटर के पार पहुंचा दिया है. उन्होंने कहा कि देश में इथेनॉल की खपत बढ़ने से चीनी मिलों की आर्थिक सेहत सुधरी है जिससे गन्ना किसानों को भी खासी मदद मिली है.

 

प्रधानमंत्री ने बताया कि कुछ दिन पहले पेश आम बजट में अहम फैसला किया गया है कि कोयले से चलने वाले बिजलीघरों में पराली का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे न केवल इस कृषि अपशिष्ट का सुरक्षित निपटारा हो सकेगा, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय भी होगी.उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार के प्रयासों से भारत ने सौर ऊर्जा से बिजली बनाने के मामले में विश्व के पांच शीर्ष देशों की फेहरिस्त में जगह बना ली है. मोदी ने बताया कि 2014 की तुलना में देश में शहरी कूड़े के निपटारे की क्षमता चार गुना बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने के लिए 1,600 से अधिक निकायों में प्रसंस्करण की विशेष सुविधाएं विकसित की जा रही हैं और ऐसी इकाइयां शहरों में चक्रीय अर्थव्यवस्था को नयी शक्ति दे रही हैं.

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के दूसरे चरण के तहत सरकार अगले दो-तीन सालों में शहरों को लाखों टन कूड़े के दशकों पुराने पहाड़ों से मुक्त कर हरित क्षेत्रों में बदलने के लक्ष्य पर काम कर रही है और इसके लिए राज्य सरकारों को हरसंभव मदद दी जा रही है.उन्होंने कहा कि कचरा जमा करने वाले स्थानों की हजारों एकड़ जमीन पर खड़े हुए कूड़े के ये पहाड़ वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण से शहरों के लोगों को होने वाली बीमारियों की बड़ी वजह हैं. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश में लगने वाले कुंभ मेलों की पहचान पहले केवल साधु-महात्माओं से होती थी, लेकिन उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले को स्वच्छ कुंभ के रूप में दुनिया भर में नयी पहचान मिली.

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