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बीकानेर राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के एक अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए लगाई गई एक याचिका में याचिकार्थी को सबूतों के साथ अपना रिप्रजनटेशन दो सप्ताह में देने तथा शिक्षा निदेशक को व्यक्तिगत रूप से प्रकरण की सुनवाई कर निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।

यह है मामला

याचिकार्थी संजीव यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बीकानेर ब्लॉक के तत्कालीन मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी देवीसहाय माली द्वारा गलत तरीके से कार्यालय को अपना रेजिडेंस बनाकर, मकान किराया भत्ते के साढ़े चार लाख रुपए उठाकर सरकार को हानि पहुंचाने का आरोप लगाया था। याचिकार्थी ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निवारण विभाग आदि में भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर न्यायाधीश दिनेश मेहता ने 14 फ रवरी को दिए आदेश में याचिकाकर्ता को निदेशक को अपनी परिवेदना देने तथा निदेशक को इसकी व्यक्तिगत सुनवाई कर निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। उधर विभागीय सूत्रों ने बताया कि विभाग द्वारा माली के खिलाफ नवंबर 21 में ही आचरण

नियमों के तहत 16 सीसीए में आरोप पत्र तैयार कर राज्य सरकार को भेज दिया गया था। याचिकाकर्ता का कहना है कि विभाग ने आरोपी शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने में जानबूझ कर देरी की और उसे अगस्त 21 में सेवानिवृत होने दिया। उसके बाद आरोप पत्र सरकार को भेजा और वो भी त्रुटिपूर्ण । संयुक्त शासन सचिव ने इस आरोप पत्र को लौटाते हुए निदेशक से अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव आरोपित के सेवानिवृति के बाद. विलंब से भेजने तथा अब इस प्रकरण में क्या कार्रवाई की जानी है, उसके संबंध में वांछित प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए थे।

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