Trending Now












बीकानेर, गंगाशहर में गोल मंदिर के पास शुक्रवार को गच्छाधिपति आचार्यश्री विजय नित्यानंद सूरिंश्वरजी व आचार्य विजय जयानंद सूरिश्वरजी की सत्प्रेरणा में गणिवर्य जयकीर्ति मसा. के सान्निध्य में श्री विजय शांति गुरुदेव शांति सूरीश्वरजी महाराज के मंदिर (मिनी मांडोली) का शिलान्यास जैन विधि, पूजा व धर्मसभा के साथ हुआ।

धर्मनिष्ठ श्रावक, बीकानेर नगरी में 5 मंदिर, उपासरा व भवन का निर्माण करवाने वाले हनुमानदास पन्नालाल सिपानी परिवार की ओर से आयोजित शिलान्यास से पूर्व स्नात्रपूजा, पाटला पूजन और शिवगंज के विधिकारक नितेश भाई मंदिर शिलान्यास करवाया। इस अवसर पर सुनील पारख व विनोद सेठिया ने शांति गुरुदेव के भक्ति गीत प्रस्तुत किए।
आचार्य विजय जयानंद सूरिश्वरजी ने कहा कि अनादिकाल से बीकानेर की धर्मधरा पर संतों व गुरुओं का मंगल आशीर्वाद से रहा है। नगरवासियों की देव, गुरु व धर्म के प्रति निष्ठा व समर्पण के भाव काबिले तारीफ है। यहां के धर्मनिष्ठ श्रावकों ने सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक कार्यों में अपने धन का विसर्जन कर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। देव, गुरु व धर्म के प्रति अनन्य भाव रखने वालों के कार्य 19 नहीं 21 होते है।
बीकानेर मूल के गणिवर्य जयकीर्ति मसा ने कहा कि परमात्मा, आचार्यश्री, संतों की असीम कृपा व आशीर्वाद से ही मंदिर निर्माण की होती भाव जागृत होते है। भावों को साकार करने वाले बिरले परिवारों में हनुमान दास, पन्नालाल सिपानी परिवार सर्वोपरी है। मंदिर का निर्माण करने वाले लीलम सिपानी ने स्वयं अपनी मुख्य मार्ग की बेशकीमती जमीन पर मंदिर शांति गुरुदेव देवालय बनाने का संकल्प लेकर पूरे भारत में जैन तीर्थ के रूप् में पहचान रखने वाले गंगाशहर-भीनासर में स्तुति व वंदनीय कार्य किया है। साध्वीश्री साध्वीश्री सिद्धप्रज्ञा श्रीजी ने कहा कि भाव से परमात्मा का स्मरण करने से भक्त व भगवान के बीच की दूरी समाप्त हो जाती है। देव गुरु व धर्म के प्रति प्रीति व भक्ति संत-मुनियों को अपने आप खींच लाती है। मंदिर का निर्माण का लाभ लेने वाले लीलम चंद सिपानी आचार्यश्री, गणिवर्य व मुनिवृंद को तथा शांति देवी सिपानी ने साध्वीवृंद को कमली ओढ़ाकर सम्मान किया। गायक महेन्द्र कोचर ने मंदिर निर्माण की रूप् रेखा बताई। समारोह में लीलम चंद सिपानी, जैन पाठशाला सभा के अध्यक्ष विजय कोचर आदि ने विचार व्यक्त किए। धर्मसभा में नगर निगम के पूर्व चैयरमैन नारायण चौपड़ा, चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष अजीत खजांची, आत्मानंद सभा के अध्यक्ष चन्द्र कुमार कोचर, वरिष्ठ श्रावक सुमेरमल दफतरी, निर्मल पारख, चन्द्र सिंह पारख, शांति लाल कोचर सहित गणमान्य जैन समाज के महानुभाव मौजूद

Author