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बीकानेर,राजस्थान सरकार द्वारा गोचर भूमि में कब्जा धारियों को पट्टे जारी करने के निर्णय के विरोध में पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरना गोचर भूमि पर पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी के सानिध्य”एवं “मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान एवं संत मनुजी महाराज के संयोजन में गोचरधाम मे “गौकथा व श्रीमद्भागवतगीता महोत्सव का वाचन बालसंत श्रीछैल विहारी जी महाराज के मुखारविंद द्वारा किया जा रहा है,।।कथा सेवा में अंशुमान सिंह भाटी गोगी बन्ना देवकिशन चांडक “देवश्री”रामकिसन आचार्य सुनील बांठिया,दिनेश कुमार, कमलकिशोर पारीक,भूरमल सोनी,रवि शास्त्री नितेश आसदेव सीमा पुरोहित कुणाल पारीक एवं सहयोगी कार्यकर्ता श्रीगोकथा एवं गीता महोत्सव में में अपनी सेवाएं दे रहे है।”आज श्रीगोकथा एवं श्रीमद्भगवद्गीता का पूजन सुखसिंह फूलकंवर दम्पति द्वारा पं शास्त्री रवि सारस्वत ने करवाया”।तीसरे दिवस की कथा में बालसंत श्रीछैल विहारी जी महाराज ने वाचन करते हुए आज श्रीमद्भागवत गीतासार के तहत वाचन करते हुए बालसंत जी ने कहा। कि किस प्रकार से अर्जुन रणक्षेत्र में अपने सम्बन्धियो गुरूजनों व परिवार के सदस्यो को युद्ध मे सामने खङे देखकर उनके प्रति मोह मैं बंधकर शस्त्र ना उठाते देखकर भगवान कृष्ण के द्वारा अर्जुन को उपदेश कर कर्मयोग की शिक्षा देने का वृतांत, और जीवन में दर्शन ज्ञान योग द्वारा अर्जुन को बतलाना।” कि जीवात्मा का मोह ही बंधन का कारण है। मोह से वशीभूत होकर जीवात्मा सदैव पथभ्रष्ट एवं अपने लक्ष्य से भटक जाता है।भगवान कहते हैं जीव मोह का मुख सदैव मेरी ओर मोङ दे। तो वह मोह उसे बांध नहीं पाता। तत्पश्चात कर्मउपदेश, इंद्रियों की व्याख्या,पंचतत्वों का विवरण, पंचप्राण का विवरण,पुरुषार्थ का विवरण,चारो आश्रम का विवरण, की कृष्ण द्वारा अर्जुन को देने की विस्तृत व्याख्या बाल संत द्वारा बताई गई। तत्पश्चात गौमाता द्वारा ऋषि-मुनियों पर कृपा करने की”गोकथा के बारे मे संपूर्ण विस्तृत व्याख्या कर बतलाया। गौ माता को भी सीतामाता ओर पार्वती माता द्वारा श्राप लगने की कथा का वर्णन बताया।कि गो कथा तीसरे दिन शाम की कथा विश्राम समय में पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी द्वारा घरेलू नुस्खा से हम कैसे उपचार कर शीघ्र स्वस्थ हो सकते हैं,के द्वारा विभिन्न प्रकार के घरेलू नुस्खे एवं रोगों के उपचार बतलाए।

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