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जोधपुर, इन दिनों शादियों की सीजन चल रही है। इसमें बीस फरवरी तक विवाह लगन हैं। इसके बाद 24 फरवरी से 24 मार्च के बीच देव गुरु बृहस्पति अस्त रहेंगे। देव गुरु बृहस्पति के अस्त होने को सामान्य बोलचाल की भाषा में तारा लगना कहते हैं। तारा लगने पर शादी विवाह जैसे मंगल कार्य वर्जित रहते हैं। ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि 24 फरवरी को देव गुरु बृहस्पति अस्त हो जाएंगे। इस बीच होलाष्टक लग जाएंगे और उसके बाद सूर्य के मीन मलमास शुरू हो जाएंगे। अगला विवाह मुहूर्त 15 अप्रैल बाद ही शुरू होगा। पंडितों के मुताबिक गुरु बृहस्पति 24 फरवरी को कुंभ राशि में अस्त होने जा रहे हैं और 24 मार्च तक इसी अवस्था में रहेंगे जिस कारण विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। अभी 20 फरवरी तक विवाह के मुहूर्त रहेंगे। उसके बाद गुरु

के उदय होने पर 15 अप्रैल बाद विवाह मुहूर्त प्रारंभ होंगे। देवगुरु बृहस्पति 20 फरवरी सुबह 11.13 मिनट पर कुंभ राशि में अस्त होंगे और 24 मार्च सुबह 9.35 मिनट पर इसी राशि में वे सामान्य स्थिति में लौटेंगे। वहीं 14 मार्च से खरमास शुरु हो जाएगा। खरमास की शुरुआत होने के कारण मांगलिक कार्य भी नहीं हो पाएंगे। गुरु के अस्त होने सूर्य के मार्च में मीन राशि में होने और खरमास के चलते फरवरी महीने की 20 तारीख तक ही विवाह होंगे। 15 अप्रैल बाद ही विवाह तथा मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त होंगे जो 8 जुलाई तक होंगे।

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