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बीकानेर,सीवरेज वॉटर के अव्यवस्थित फैलाव से जुड़े एक केस में एडीजी कोर्ट, बीकानेर ने पालिका को जवाब पेश करने के लिए समन जारी किया है। अब पालिका प्रतिनिधि को 3 मार्च को कोर्ट में उपस्थित होना पड़ेगा।

मामला नोखा के वार्ड नंबर 41-42 के 24 परिवारों द्वारा लगाए गए 10-10 लाख की क्षतिपूर्ति दावे से जुड़ा है। हाल ही में इन 24 परिवारों ने कोर्ट में 10-10 लाख की क्षतिपूर्ति का दावा लगाया था। परिवारों का कहना है कि नोखा नगर पालिका द्वारा अनुपचारित सीवरेज जल का फैलाव किया जा रहा है, इस वजह से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। वहीं मानसिक परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है।

अधिवक्ता विनायक चितलांगी, रवैल भारतीय व अरुण अय्यर के अनुसार नोखा नगर पालिका ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया। इससे सीवरेज जल का ट्रीटमेंट नहीं हो पा रहा। दूसरी तरफ अनुपचारित सीवरेज जल को खुले में इधर उधर फैलाया जाता रहा है। इस वजह से भूजल प्रदूषण हो रहा है। जल स्तर अनियंत्रित हो रहा है। अधिवक्ताओं के अनुसार यहां टीडीएस 400 से बढ़कर 1700 हो चुका है। इस वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर बेहद बुरा असर पड़ रहा है। आरोप है कि नोखा नगर पालिका नोखा वासियों के स्वास्थ्य की परवाह ही नहीं कर रही है। बताया जा रहा कि सीवरेज का गंदा जल गलियों में भर जाता है। इस वजह यहां के निवासियों के मार्ग में भी बाधा पहुंचती है। साफ सुथरा वातावरण ना मिलने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर होता है।

बताया जा रहा है कि अगर कोर्ट का फैसला इन 24 परिवारों के पक्ष में आया तो पालिका को दो करोड़ तक का झटका लग सकता है। अधिवक्ताओं के अनुसार कुल दो सौ परिवार क्षतिपूर्ति का दावा पेश करना चाह रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि नोखा पालिका पर एनजीटी ने पचास लाख का जुर्माना ठोका था। उसे ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश भी दिए थे, मगर अंतिम तिथि तक टेंडर ही नहीं हो पाया। इसके अतिरिक्त राजस्थान राज्य प्रदूषण बोर्ड ने भी सवा दो करोड़ का जुर्माना ठोक रखा है। इस मामले में पालिका सरकार की शरण में है।

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