बीकानेर, राजस्थान प्रदेश अपनी सांस्कृतिक विरासत और वीरों के झुझारपन के लिए जाना जाता है और यह वीरता और विरासत राजस्थान की मातृभाषा राजस्थानी में परिलक्षित होता है यह भाषा की ही ताकत है कि राजस्थान प्रदेश पूरे भारतवर्ष में अपने गौरवमयी इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।
राजस्थानी भाषा को संविधान की मान्यता हेतु, राजस्थान प्रदेश की राजभाषा बनाने हेतु यह उदगार आज प्रदेश के जनप्रिय कैबमंत्री श्री गोविंदराम मेघवाल ने व्यक्त किये।
मंत्री श्री गोविंदराम मेघवाल ने राजस्थानी भाषा को राजस्थान प्रदेश की राजभाषा बनाने हेतु आज मुख्यमंत्री महोदय को आज पत्र लिख कर निवेदन किया कि मुख्यमंत्री महोदय को अन्य राज्यो की भांति 8 वी अनुसूची में शामिल नही होते हुए भी राजभाषा बनाने की बात पत्र में लिखी।
उन्होंने बताया कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा सर्वसम्मति से 2003 में प्रस्ताव पारित किया गया था उस प्रस्ताव पर भी केंद्र सरकार को तुरंत कार्यवाही कर राजस्थान प्रदेश को उसका वाजिब सम्मान प्रदान कर राजस्थान के युवाओं को उनका हक प्रदान करना चाहिए।
मंत्री महोदय के इस प्रस्ताव पर राजस्थानी मोट्यार परिसद ने हर्ष जताते हुए मंत्री महोदय को जनप्रिय ओर जनता की भावनाओ का सम्मान करने पर आभार व्यक्त किया।