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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने आशा सहयोगिनियों का नियंत्रण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में करने को सहमति दे दी है। मंत्री ने कहा कि चिकित्सा विभाग के अधीन आने से आशा सहयोगिनियों को समय पर मानदेय मिलेगा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा। प्रदेश की 52 हजार से ज्यादा आशा सहयोगिनी अब चिकित्सा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में आ गई हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने आशा सहयोगिनियों का नियंत्रण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में करने को सहमति दे दी है। गुरुवार को सचिवालय में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के साथ हुई बैठक में उन्होंने इसकी अनुमति दी।मीणा ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र और चिकित्सा विभाग के लाभार्थी समान होने के कारण यह सहमति दी गई है। उन्होंने बताया कि आशा सहयोगिनी को मानदेय आईसीडीएस विभाग और इंसेंटिव चिकित्सा विभाग द्वारा दिया जा रहा है। चिकित्सा विभाग के अधीन आने से आशा सहयोगिनियों को समय पर मानदेय मिलेगा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा। मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 55 हजार 816 मुख्य और 6204 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इन केंद्रों के लिाए 55 हजार 816 आशा सहयोगिनी के पद हैं, 52 हजार 810 पदों पर आशा सहयोगिनी कार्यरत हैं।बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा, चिकित्सा विभाग के सचिव आशुतोष एटी पेडणेकर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार सोनी और समेकित बाल विकास सेवाएं की आयुक्त उर्मिला राजोरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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