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बीकानेर. शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्री हासिल कर नौकरी करने का मामला सामने आया है। हालांकि फर्जी डिग्री से महिला ने सरकारी सेवा का लाभ लेकर वीआरएस ले लिया, लेकिन अब इसकी शिकायत माध्यमिक शिक्षा निदेशक तक पहुंची है। निदेशक के पास शिकायत पहुंचने से शिक्षा विभाग में ऐसे कई ओर भी मामले सामने आने की संभावना है। बताया जा रहा है कि इन फर्जी डिग्री के मामले में शिक्षा विभाग के कई लोग भी संदेह के घेरे में आ सकते है। हाल ही में रामविलास पारीक ने इस मामले को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक से फोन पर बातचीत कर दस्तावेज उपलब्ध करवाएं और शिकायत की।

इस मामले में सामने आया कि सविता त्रिवेदी पत्नी रमण त्रिवेदी पुत्री ओंकारनाथ त्रिपाठी निवासी ने 1998 में शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी अध्यापिका के रूप में चयन के दौरान बीएसटीसी की जो मार्कशीट पेश की। वह फर्जी थी एवं चयन के दौरान उसने बीएसटीसी का प्रमाण पत्र पेश नहीं किया। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग ने बाद में प्रमाण पत्र प्राप्त भी जरूरी नहीं समझा। सविता त्रिवेदी ने नियुक्ति के समय डाइट बाडमेर की 1986 की रोल नं 624 की मार्कशीट पेश की है जो डाइट बाडमेर की ओर से किरण शर्मा पुत्री देवदत्त शर्मा के नाम से जारी की गई है। इस संबंध में मामले को लेकर परिवादी रामविलास पारीक ने नयाशहर थाने ने जांच के लिए दस्तावेज पेश किए। थाने के एएसआई ने अपने उच्चाधिकारियों को जांच रिपोर्ट सौंपी और स्पष्ट किया है कि परिवाीी की ओर से सूचना के अधिकार के तहत कार्यालय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नोखा व प्रधानाचार्य डाइट बाडमेर एवं कार्यालय पंजीयक एवं शिक्षा विभागीय परीक्षाएं बीकानेर से प्राप्त की गई सूचनाओं में डाइट बाडमेर की 1986 की रोल नं 624 की मार्कशीट में किरण शर्मा पुत्री देवदत्त शर्मा के नाम की है। सविता त्रिपाठी पुत्री ओंकारनाथ की नहीं है।
कार्यालय वरिष्ठ उप जिला शिक्षा अधिकारी एवं ब्लॉक प्रा शिक्षा अधिकारी नोखा ने सूचना अधिकार में दिया गया कार्यानुभव प्रमाण पत्र में स्पष्ट किया कि सविता त्रिवेदी ने अध्यापिका के रूप में 16 अप्रेल 1988 से 31 मार्च 1993 तक और एक अप्रेल 1999 से 31 मार्च 1999 तक महिला एवं बाल विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लगी रही। प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद पुन: वर्ष 2008-09 में ब्लॉक प्रा शिक्षा अधिकारी नोखा से सविता ने वीआरएस ले लिया। यहीं नहीं इसी कार्यालय में अपने पत्र क्रमांक 1185 में 21 अगस्त 2009 ने दिए जवाब में बताया कि सविता त्रिवेदी पत्नी रमण त्रिवेदी पुत्री औंकारनाथ त्रिपाठी की एसटीसी की अंकतालिका थी। जबकि एसटीसी का प्रमाण पत्र सेवा अभिलेख/निजी पंजिका के उपलब्ध नहीं होने की बात कहीं। ऐसे में प्रमाण पत्र के बिना केवल अंकतालिका के आधार पर नियुक्ति नहीं देना कही न कहीं संदेह के घेरे में आता है।

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